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मतपत्र इतिहास हो गये हैं, ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती: मुख्य चुनाव आयुक्त

चुनाव आयोग ने अगले महीने होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मत पत्रों का इस्तेमाल किये जाने से इनकार करते हुए बुधवार को कहा कि ये अब ‘‘इतिहास’’ हो गये हैं। 

Ballot papers are history; EVMs can't be tampered with: CEC- India TV Hindi Image Source : PTI Ballot papers are history; EVMs can't be tampered with: CEC

मुंबई: चुनाव आयोग ने अगले महीने होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मत पत्रों का इस्तेमाल किये जाने से इनकार करते हुए बुधवार को कहा कि ये अब ‘‘इतिहास’’ हो गये हैं। साथ ही, उन्होंने ईवीएम का बचाव करते हुए कहा कि इन मशीनों से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने राज्य में चुनाव तैयारियों की समीक्षा के बाद संवाददाताओं से यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की सीमा में फिलहाल बदलाव नहीं हो सकता। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) जैसी पार्टियों द्वारा प्रति उम्मीदवार चुनावी खर्च की सीमा मौजूदा 28 लाख रूपये से बढ़ाने की मांग के मद्देनजर उनकी यह टिप्पणी आई। 

अरोड़ा ने कहा कि राज्य के वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित क्षेत्रों में अधिक केंद्रीय सशस्त्र बल तैनात किए जाएंगे। कांग्रेस और राकांपा उन विपक्षी दलों में शामिल हैं जिन्होंने ईलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति जताई है। अरोड़ा ने कहा, ‘‘पार्टियां इस मुद्दे (ईवीएम) को उठाती रही हैं। हमने उन्हें विनम्रता और दृढ़ता से कहा है मत पत्र अब इतिहास हो गये हैं। और मैं आपसे कह सकता हूं कि हम सभी कह सकते हैं कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं हो सकती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह किसी अन्य मशीन आपकी घड़ी या गाड़ी की तरह खराब हो सकती है। लेकिन इससे छेड़छाड़ नहीं हो सकती। यह अन्य मशीनों से हट कर है।’’ 

अरोड़ा ने कहा कि यहां तक कि उच्चतम न्यायालय ने ईवीएम से जुड़े मुद्दे पर अपने फैसलों में एक तरह से इस बात को बरकरार रखा है। दिवाली के त्योहार को लेकर कुछ दलों द्वारा चुनाव की विशेष तारीखों की मांग किये जाने पर अरोड़ा ने कहा कि आयोग चुनाव कार्यक्रम तैयार करने से पहले विभिन्न कारकों पर विचार करता है। 

उन्होंने कहा कि सभी दलों ने अगले महीने मनाई जाने वाली दिवाली के त्योहारा के बारे में कहा है और विभिन्न तारीखों (चुनाव के लिए) का जिक्र किया है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन किसी भी मामले में तारीखों पर फैसला करने में आयोग विभिन्न कारकों को ध्यान में रखता है जैसे कि छुट्टियां और स्कूल, बच्चों की परीक्षाएं, विभिन्न धर्मों के महत्वपूर्ण त्योहार आदि। उन्होंने कहा कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा दिल्ली में की जाएगी। 

अरोड़ा ने कहा कि मतदान की तारीखें तय करने में केंद्रीय बलों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना एक महत्वपूर्ण कारक है। उन्होंने कहा कि मतदाता पर्ची का वितरण जल्दी शुरू किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि इस संबंध में अधिक ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की उनकी यात्रा के दौरान चुनाव आयुक्तों ने बुधवार को राजनीतिक दलों, जिला प्रशासन और केंद्रीय नियामक एजेंसियों, मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की तथा राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की।