A
Hindi News चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज इस प्रत्याशी के पास है एक लाख छिहत्तर हजार करोड़ रुपये कैश, चार लाख करोड़ का कर्ज

इस प्रत्याशी के पास है एक लाख छिहत्तर हजार करोड़ रुपये कैश, चार लाख करोड़ का कर्ज

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इस हलफनामे की एक प्रति अपलोड की गई है। जेबामनी जनता पार्टी के जे मोहनराज ने अपने नामांकन के साथ यह हलफनामा दायर किया थ

इस प्रत्याशी के पास है एक लाख छिहत्तर हजार करोड़ रुपये कैश, चार लाख करोड़ का कर्ज- India TV Hindi इस प्रत्याशी के पास है एक लाख छिहत्तर हजार करोड़ रुपये कैश, चार लाख करोड़ का कर्ज

नई दिल्ली: तमिलनाडु की पेंरबूर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए एक उम्मीदवार ने अपने हलफनामे में 1.76 लाख करोड़ रुपये नकद होने और चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज होने की घोषणा की है जो सुर्खियों का विषय बन गया है।​ हलफनामे में जे मोहनराज ने  बताया गया है कि उनके पास एक लाख छिहत्तर हजार करोड़ रुपये कैश है, जबकि उनकी पत्नी के पास बीस हजार रुपये कैश है। हलफनामे के मुताबिक उनकी पत्नी के पास 2 लाख 50 हजार की कीमत के गहने हैं। तमिलनाडु के पेरम्बूर विधानसभा के लिए उपचुनाव होने वाले हैं। उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की ओर से नामाकंन भरा जा रहा है।

ये आंकड़े 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले और तमिलनाडु सरकार के कर्ज बोझ के अनुमानित मूल्य को व्यंग्यात्मक ढंग से दर्शाते हैं। इनका उल्लेख स्वतंत्रता सेनानी जेबामनी के बेटे ने किया था जो अनिवार्य घोषणा की चुनाव आयोग की छंटनी प्रक्रिया में खामी का पर्दाफाश करने का प्रयास कर रहे थे।

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इस हलफनामे की एक प्रति अपलोड की गई है। जेबामनी जनता पार्टी के जे मोहनराज ने अपने नामांकन के साथ यह हलफनामा दायर किया था। अगर इन आंकड़ों पर यकीन किया जाता तो वह पूरे देश में सबसे अमीर उम्मीदवार होते।

इस प्रत्याशी के पास है एक लाख छिहत्तर हजार करोड़ रुपये कैश, चार लाख करोड़ का कर्ज

मोहनराज से जब पूछा गया कि उन्होंने गलत घोषणा क्यों की तो उन्होंने आरोप लगाया कि 2जी घोटाले की जांच सही से नहीं हुई थी और इस पहलू की तरफ ध्यान दिलाने के लिए उन्होंने यह प्रयास किया था।

मोहनराज ने यह भी कहा कि वो साल 2009 से ही झूठे हलफनामें दाखिल कर रहे हैं। 2009 में उन्होंने लिखा था कि उनके पास 1,977 करोड़ है। तब वो साउथ चेन्नई से चुनाव लड़ने का फैसला किए थे। 2016 में उन्होंने दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा था और हलफनामे में गलत जानकारी दी थी। वहीं उनकी पत्नी आनंदी एस का कहना है कि उनका मकसद दुनिया को यह दिखाना है कि एफिडेविट में नेता अपने संपत्ति की जो जानकारी देते हैं उन्हें उनकी संपत्ति की सही जानकारी नहीं मानना चाहिए।