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Hindi News चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज Goa Assembly Election 2022: सीएम पद के प्रत्याशी के लिए अमित पालेकर पर क्यों दांव लगाया अरविंद केजरीवाल ने

Goa Assembly Election 2022: सीएम पद के प्रत्याशी के लिए अमित पालेकर पर क्यों दांव लगाया अरविंद केजरीवाल ने

अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को पंजाब में भगवंत मान को सीएम प्रत्याशी घोषित किया और आज गोवा में अपनी पार्टी की ओर से सीएम पद के लिए अमित पालेकर के नाम की घोषणा की। दिल्ली से बाहर अपनी पार्टी को मजबूती से खड़ा करने के लिए भारी मशक्कत कर रहे अरविंद पंजाब के साथ ही गोवा से भी बड़ी उम्मीद पाले हुए हैं।

<p> </p> <p>अमित पालेकर</p>- India TV Hindi Image Source : PHOTO: TWITTER   अमित पालेकर

Highlights

  • गोवा में जातिगत समीकरण को काफी अच्छी तरह समझते हैं केजरीवाल
  • अमित भंडारी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं
  • गोवा के कुल 11 लाख मतदाताओं में करीब साढ़े 3 लाख मतदाता भंडारी समाज के हैं

अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में कल मंगलवार को भगवंत मान सीएम प्रत्याशी घोषित किया और आज गोवा में अपनी पार्टी की ओर से सीएम पद के लिए अमित पालेकर के नाम की घोषणा की। दिल्ली से बाहर अपनी पार्टी को मजबूती से खडा करने के लिए भारी मशक्कत कर रहे अरविंद पंजाब के साथ ही गोवा से भी बडी उम्मीद पाले हुए हैं। जा​निए आखिर उन्होंने क्यों अमित पालेकर पर दांव खेला।

भंडारी समाज से नाता, 30 फीसदी से अधिक वोटर इस समाज के
उत्तर प्रदेश ही नहीं, गोवा में भी जातिगत समीकरण चुनाव में काफी मायने रखते हैं। आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल भी इस बात को काफी अच्छी तरह समझते हैं। यही कारण रहा कि उन्होंने अमित पालेकर का नाम सीपए पद के ​लिए एनाउंस किया। क्योंकि अमित भंडारी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। दरअसल, गोवा राज्य के कुल 11 लाख मतदाताओं में करीब साढ़े 3 लाख मतदाता भंडारी समाज के हैं। यानी 30 फीसदी से ज्यादा वोटर भंडारी समुदाय से हैं।

भंडारी समाज के सेंटिमेंट्स को भुनाने की कोशिश
अरविंद केजरीवाल ने इस बात को समझा कि भंडारी समाज के कई लोगों को लगता है कि गोवा की सियासत पर गैर भंडारी जैसे ब्राह्मण,सारस्वत और अन्य समाज के लोगों का कब्जा है। इसी सेंटीमेंट को कैश करने की कोशिश केजरीवाल कर रहे हैं। यही कारण है कि  केजरीवाल ने भंडारी समाज की अहमियत को बताया और सीएम पद के प्रत्याशी की घोषणा के दौरान कहा कि इतने बडे भंडारी समाज की तादाद होने के बावजूद 1961 में गोवा के आजाद होने के बाद आज तक 60 साल में सिर्फ ढाई साल के लिए इस समुदाय से एक सीएम बना। इसीलिए हमने अमित पालेकर को इस पद के लिए उपयोगी माना। 

कोरोनाकाल में मदद से जीता जनता का भरोसा
अमित पालेकर पेशे से वकील हैं, लेकिन हाल ही के दिनों में सामाजिक कार्य करने पर काफी चर्चा में रहे हैं। अमित पालेकर ने कोरोना काल में लोगों की खूब मदद की। उन्होंने अपने पास से एक स्थानीय अस्पताल को 135 बेड डोनेट किए थे। मरीजों को इलाज दिलाने के अलावा, लॉकडाउन में सफर कर रहे परिवारों की मदद भी की थी। पिछले चुनावों में उन्होंने आम आदमी पार्टी के लिए डोर-टू-डोर कैंपेन किया था। अपने इस योगदान से वे लोगों के बीच चर्चा में रहे और लोगों की सहानुभूति भी उनके साथ रही। 

अनशन और भूख हडताल सरकार को झुकाया
अमित पालेकर बतौर सामाजकि कार्यकर्ता जहां लोगों की मदद करते रहे हैं, वहीं उन्होंने सरकार के खिलाफ भी कई मुद्दों पर अपना रोष जाहिर किया। गोवा हैरिटेज परिसर में अवैध तरीके से बनाए जा रहे एक बंगले के खिलाफ अनशन के वक्त वे चर्चा में रहे थे। उस वक्त वह भूख हड़ताल पर गए थे। उनके अनशन पर बैठने का परिणाम यह निकला कि कुछ दिनों बाद ही गोवा सरकार ने विवादित ढांचे के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा की थी। इस दौरान उनसे मिलने मिलने अरविंद केजरीवाल भी आए थे। 

सोशल मीडिया फ्रेंडली, हमेशा रहते हैं एक्टिव
गोवा के सीएम प्रत्याशी अमित पालेकर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और सडक से सोशल मीडिया तक वे जनता के बीच प्रभावी भूमिका में रहते हैं। ट्व​​वटिर पर वह गोवा के मुद्दे जोर-शोर से उठाते हैं। नेशनल मीडिया में भी अक्सर उन्हें गोवा से जुड़े ओपिनियन पोल में पार्टी का पक्ष रखते देखा जाता है। हिंदी भाषा पर अच्छी पकड होने के कारण पालेकर हिंदी मीडिया पर भी बहुत सहजता सेअपनी बात रखते हैं।