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Hindi News चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका, 10 बार के विधायक मोहन राठवा ने छोड़ी पार्टी, BJP में हुए शामिल

गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका, 10 बार के विधायक मोहन राठवा ने छोड़ी पार्टी, BJP में हुए शामिल

गुजरात विधानसभा का चुनाव 2 चरणों में होगा। पहला चरण एक दिसंबर और दूसरा चरण 5 दिसंबर को होगा। पहले चरण में 89 सीटों पर और दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होगा। वोटों की काउंटिंग 8 दिसंबर को होगी।

10 बार के विधायक मोहन राठवा ने छोड़ी कांग्रेस पार्टी- India TV Hindi Image Source : TWITTER 10 बार के विधायक मोहन राठवा ने छोड़ी कांग्रेस पार्टी

गुजरात में चुनावी सरगर्मियां तेज हैं। वोटिंग से पहले सभी दल अपने किले मजबूत करने में जुटी हैं। इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के पूर्व नेता मोहन सिंह राठवा ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही वे अपने दो बेटों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। 

राज्य कांग्रेस प्रमुख जगदीश ठाकोर को लिखे पत्र में मध्य गुजरात के वरिष्ठ आदिवासी नेता मोहन सिंह ने पार्टी छोड़ने का का कोई कारण नहीं बताया है। लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से उनके स्थान पर उनके बेटे को टिकट देने से इंकार कर दिया था। इससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। 

पार्टी ने हमेशा वरिष्ठ नेता मोहन सिंह का सम्मान किया - कांग्रेस 

वहीं इसी मामले में गुजरात कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ललित कागथरा ने कहा कि, "पार्टी ने हमेशा वरिष्ठ नेता मोहन सिंह को सम्मान दिया है और 50 साल के बाद अगर वह उनके स्थान पर किसी अन्य उम्मीदवार को खड़ा करने की सोचती है या अपने बेटे को उत्तराधिकारी के रूप में नामित करने की मांग से सहमत नहीं है, तो क्या यह पार्टी की गलती है।"

पार्टी में राठवा नेताओं के बीच दरार भी एक वजह 

उन्होंने कहा कि अगर पार्टी ने उनके बेटे को उम्मीदवार के रूप में नामित किया, तो मीडिया कहेगा कि कांग्रेस 'परिवारवाद' (भाई-भतीजावाद) को बढ़ावा दे रही है। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि राठवा ने इस्तीफा दे दिया, क्योंकि पार्टी ने उनके बेटे को उनके स्थान पर उतारने से इनकार किया था। वहीं पार्टी सूत्रों के अनुसार, राठवा नेताओं के राज्यसभा सदस्य नारन राठवा, विपक्ष के नेता सुखराम राठवा और मोहन सिंह राठवा के बीच छोटा उदेपुर और जेतपुर निर्वाचन क्षेत्र के बीच दरार भी इसकी वजह है।