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Hindi News चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज Ye Public Hai Sab Jaanti Hai: गोरखपुर का एक ऐसा मंदिर जहां होता है बीमारियों का हवा, मिट्टी, पानी से इलाज

Ye Public Hai Sab Jaanti Hai: गोरखपुर का एक ऐसा मंदिर जहां होता है बीमारियों का हवा, मिट्टी, पानी से इलाज

आहार नियंत्रण, मालिश, भाप स्नान, जल चिकित्सा, उपवास, मिट्टी पट्टी, गीली पट्टी, कसरत, योगासन, सुबह-शाम टहलना आदि के माध्यम से यहां मरीजों का इलाज होता है।

Highlights

  • एक ऐसा मंदिर जहां होता है बीमारियों का इलाज
  • मिट्टी, हवा, पानी मिटा देते हैं दुख-दर्द
  • बिना दवा खाए स्वस्थ हो जाते हैं मरीज

गोरखपुर शहर में एक ऐसा मंदिर है जहां लोगों की बीमारियों का इलाज होता है। वह भी धूप, मिट्टी, हवा और पानी जैसी प्राकृतिक चीज़ों से। दुनिया में प्रसिद्ध गोरखपुर का आरोग्य मंदिर प्राकृतिक चिकित्सा का ऐसा केंद्र है जहां बिना दवा के ही मरीजों को कई तरह की बीमारियों से छुकारा मिल जाता है। यहां दमा, कब्जियत, मधुमेह, कोलाइटिस, अल्सर, अम्ल पित्त, ब्लडप्रेशर, अर्थराइटिस, एक्जिमा, मोटापा व एलर्जी आदी बीमारियों का इलाज होता है। इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम आरोग्य मंदिर पहुंची थी। यहां किस तरह से बीमारियों का इलाज होता है इसकी पूरी जानकारी ली। पूरी जानकारी के लिए वीडियो आप भी देखिए।
 

कैसे हुई आरोग्य मंदिर की स्थापना?

आरोग्य मंदिर के संस्थापक विट्ठल दास मोदी स्नातक की परीक्षा देते समय गंभीर रूप से अस्वस्थ हो गए थे। तीन साल तक उन्होंने एलोपैथ की दवा कराई लेकिन आराम नहीं मिला. अंतत: वह प्राकृतिक चिकित्सा से ठीक हुए। उसी समय उन्होंने प्रकृति के इस वरदान को घर-घर पहुंचाने का संकल्प ले लिया। संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए उन्होंने 1940 में सबसे पहले किराए के मकान में आरोग्य मंदिर की स्थापना की। 1962 में आरोग्य मंदिर का अपना भवन बना। यह मंदिर छह एकड़ में फला हुआ है। अभी तक इस केंद्र से प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित 26 पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है. 

 

आरोग्य मंदिर में कैसे होता है इलाज?

आहार नियंत्रण, मालिश, भाप स्नान, जल चिकित्सा, उपवास, मिट्टी पट्टी, गीली पट्टी, कसरत, योगासन, सुबह-शाम टहलना आदि के माध्यम से यहां मरीजों का इलाज होता है।