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Hindi News चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज Ye Public Hai Sab Jaanti Hai: अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने कहा- हिजाब हमें पहनने से कोई नहीं रोक सकता।

Ye Public Hai Sab Jaanti Hai: अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने कहा- हिजाब हमें पहनने से कोई नहीं रोक सकता।

अलीगढ़ की छात्राओं ने कहा कि ‘हिजाब पहनना हमारा राइट है। हमारा हक कोई नहीं छीन सकता। हमारे इस्लाम में दिया गया है कि हम हिजाब पहनें। हम खुद को ढंक सके ताकि दुनिया की गंदी नज़र से खुद को बचा सकें।’

Highlights

  • अलीगढ़ पहुंचा कर्नाटक का हिजाब मामला
  • अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने कहा 'हम हिजाब पहनेंगे'
  • 'हिजाब पिछड़ेपन की निशानी नहीं है'

कर्नाटक का हिजाब विवाद कई दिनों से देश भर में छाया हुआ है। इस मामले पर हर पार्टी के नेता प्रतिक्रिया दे रहे हैं। मामला कोर्ट से लेकर TV डिबेट तक खूब सुर्खियां बटोर रहा है। वहीं अब इस मामले में यूपी के अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। दरअसल उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव हो रहा है। इस चुनाव में जनता का मूड समझने इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ ( ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम हर विधानसभा पहुंचकर लोगों से चर्चा कर रही है। इसी सिलसिले में टीम अलीगढ़ यूनिवर्सिटी पहुंची जहां हिजाब का मुद्दा छाया हुआ था। छात्राओं ने कहा कि ‘’हिजाब के नाम पर देश में राजनीति हो रही है। हिंदू-मुस्लिम को बांटने की कोशिश हो रही। हिजाब बहुत पहले से पहना जा रहा है। यह मुद्दा पहले क्यों नहीं उठा? सिख पगड़ी क्यों पहनते हैं? स्कूल में सरस्वती पूजा, गायत्री मंत्र क्यों होता है?’   

 

‘हिजाब पहनना हमारा राइट है'

वहीं छात्राओं ने कहा कि ‘हिजाब पहनना हमारा राइट है। हमारा हक कोई नहीं छीन सकता। हमारे इस्लाम में दिया गया है कि हम हिजाब पहनें। हम खुद को ढंक सके ताकि दुनिया की गंदी नज़र से खुद को बचा सकें।’ जब छात्राओं से पूछा गया कि हिजाब तहजीब की निशानी है या पिछड़ेपन की? तो छात्राओं ने कहा कि ‘हिजबा तहजीब की निशानी है।’

 

'हिजाब के नाम पर राजनीति हो रही'

छात्राओं ने कहा कि ‘सरकार ने पांच सालों में कोई विकास नहीं किया। अब माहौल चुनाव का है, सरकार को पता है कि जनता सरकार से सवाल पूछेगी इसलिए सरकार लोगों को इन मामलों में फंसाने की कोशिश कर रही है। हिजाब पहनने से अगर रोका गया तो हम हाईकोर्ट तक जाएंगे।’