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Hindi News चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज उत्तराखंड उपचुनाव : बागेश्वर सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार, कांग्रेस प्रत्याशी को 2400 से ज्यादा वोटों से हराया

उत्तराखंड उपचुनाव : बागेश्वर सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार, कांग्रेस प्रत्याशी को 2400 से ज्यादा वोटों से हराया

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर एक बार फिर से कब्जा जमा लिया है। बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास ने कांग्रेस उम्मीदवार को 2400 से ज्यादा वोटों से हरा दिया है।

बीजेपी- India TV Hindi Image Source : फाइल बीजेपी

देहरादून: उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य की बागेश्वर विधानसभा सीट अपने पास बरकरार रखी है। आज घोषित चुनाव परिणाम में बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास ने अपने निकटतम प्रतिद्धंदी कांग्रेस के बंसत कुमार को 2400 से अधिक मतों से हरा दिया। बागेश्वर की जिलाधिकारी और चुनाव अधिकारी अनुराधा पाल ने बताया कि दास के पक्ष में 33,247 मत पड़े जबकि कुमार केवल 30,842 मतदाताओं का समर्थन ही जुटा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रत्याशी को 2,405 मतों से विजय हासिल हुई। 

बागेश्वर विधानसभा पर उपचुनाव पांच सितंबर को हुआ था और करीब 55.44 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था । बागेश्वर सीट पर जीतने वाली दास इस विधानसभा क्षेत्र से लगातार चार बार भाजपा विधायक रहे चंदन राम दास की पत्नी हैं। पुष्कर सिंह धामी सरकार में परिवहन मंत्री की जिम्मदेारी निभा रहे दास का इस वर्ष अप्रैल में बीमारी के कारण निधन हो गया था और इसी कारण रिक्त सीट पर उपचुनाव हुआ। पार्वती दास की जीत के साथ ही लगातार पांचवीं बार बागेश्वर सीट भाजपा के कब्जे में गयी है। दास और कुमार के अलावा तीन अन्य प्रत्याशियों ने भी बागेश्वर से चुनाव लड़ा था और तीनों की ही जमानत जब्त हो गयी। 

 इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के भगवती प्रसाद, उत्तराखंड क्रांति दल के अर्जुन देव और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के भागवत कोहली भी मैदान में थे।  पिछले कुछ वर्षों में इस सीट पर चुनाव में लगातार कट्टर प्रतिद्वंद्वी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखा गया है। उत्तराखंड में भाजपा दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में है इसलिए इस उपचुनाव के नतीजों का सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह, समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन, जबरन धर्मांतरण और अनियमित भर्ती परीक्षाओं पर सख्त कानून बनाने तथा अवैध अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई जैसे धामी सरकार के फैसलों पर जनमत संग्रह के समान है।  सत्तर सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा में भाजपा के 47, कांग्रेस के 19 जबकि बहुजन समाज पार्टी के दो और दो निर्दलीय विधायक हैं। (इनपुट-भाषा)