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Hindi News चुनाव 2024 उत्तर प्रदेश Chunav Manch: जानिए किसान आंदोलन और गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर संजीव बालियान ने क्या कहा

Chunav Manch: जानिए किसान आंदोलन और गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर संजीव बालियान ने क्या कहा

इंडिया टीवी के कार्यक्रम चुनाव मंच में किसान आंदोलन और नए कृषि कानूनों को लेकर केन्द्रीय मंत्री सांसद डॉ.संजीव बालियान ने कहा कि किसानों से 11 बार बात हुई है। बातचीत का सिलसिला शुरू होना चाहिए। किसानों से दोबारा बातचीत होनी चाहिए। 

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अगले साल यानि 2022 में चुनाव होना है। इंडिया टीवी के कार्यक्रम चुनाव मंच में किसान आंदोलन और नए कृषि कानूनों को लेकर केन्द्रीय मंत्री सांसद डॉ.संजीव बालियान ने कहा कि किसानों से 11 बार बात हुई है। बातचीत का सिलसिला शुरू होना चाहिए। किसानों से दोबारा बातचीत होनी चाहिए। नए कृषि कानून का पश्चिमी यूपी से संबंध नहीं है। बालियाना ने कहा कि पहले किसानों के साथ जो भी बात हुई, वह अनकंडीशनल ही हुई थीं। फिर ऐसा माहौल बनना चाहिए कि बातचीत हो। संपर्क होना चाहिए, कृषि मंत्री बातचीत के लिए कह चुके हैं, मैं भी चाहता हूं कि बातचीत हो।

किसानों की जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता- संजीव बालियान

इंडिया टीवी के चुनाव मंच कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री सांसद डॉ.संजीव बालियान ने कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को लेकर कहा कि ये तो किसान की इच्छा के ऊपर है किसान करना चाहता है तो करे नहीं तो न करे। किसान के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं कर सकता। किसान की जमीन में कभी कोई कब्जा नहीं कर सकता। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगर किसी किसान पर नए कृषि कानूनों का कोई गलत असर पड़ा हो तो कृपया करके मुझे कोई एक बार जरूर समझाए। नए कृषि कानूनों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों पर कोई निगेटिव असर नहीं पड़ा है। महेंद्र सिंह टिकैत खुद ऐसे कानून के पक्ष में थे। उनके कई पुराने मेमोरेंडम मेरे पास हैं। किसानों की सब्सिडी में बढ़ोतरी की गई है। 

जानिए गन्ना भुगतान को लेकर संजीव बालियाना ने क्या कहा

संजीव बालियान ने कहा कि नए कृषि कानून का पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ज्यादा संबंध नहीं है। क्योंकि, हमारे यहां मंडियां नहीं है, गुड़ मंडी है। अब किसान कहीं भी गुड़ बेच पा रहा है। इस कानून के बाद तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान को फायदा ही है। गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में डॉ.संजीव बालियान ने कहा कि बिल्कुल किसानों के भुगतान का बकाया है। एक कानून है कि 14 दिन में किसान के गन्ने का पेमेंट होना चाहिए और ये शायद 1968 के शुगर केन एक्ट में लिखा हुआ है। लेकिन, किसी भी सरकार में इसका पालन नहीं किया गया और पूरी तरह से हमारी सरकार में भी पालन नहीं हुआ। संजीव बालियाना ने खुद माना कि कुछ गन्ना किसानों का पैसा बकाया है। 

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