5. टीवी पर मैं कई सारी बहसों पर ध्यान देता हूं जिसमें एक राजनीतिक पार्टी किसी दूसरी पार्टी पर सवाल खड़े करती हैं। जो 1984 में हुआ वो मुद्दा आज उठाना ठीक नहीं है। वो विनाशकारी और भयावह था। जब भी किसी हिंसा में एक व्यक्ति या कई सारी लोगों की मौत होती है तो वो बड़ी बदकिस्मती की बात होती है। ऐसे ही बदकिस्मती वाले मौके होते हैं जब हम अपने नेताओं की तरफ देखते हैं और उम्मीद करते हैं कि वो कोई कड़ा फैसला लेंगे।
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