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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड बप्पी लाहिड़ी ने क्यों आज कल के गानों की तुलना वन डे क्रिकेट मैच से की?

बप्पी लाहिड़ी ने क्यों आज कल के गानों की तुलना वन डे क्रिकेट मैच से की?

बप्पी लाहिड़ी ने आजकल के गानों की तुलना एकदिवसीय क्रिकेट मैच से की हैं। बता दें कि उन्होंने इंडस्ट्री में कई ऐसे बेहतरीन गाने दिए जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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नई दिल्ली: फिल्म इंडस्ट्री में अपने गानों से दर्शकों के दिलों में राज करने वाले दिग्गज भारतीय संगीतकार-गायक बप्पी लाहिड़ी ने आजकल के गानों की तुलना एकदिवसीय क्रिकेट मैच से की हैं। बता दें कि उन्होंने इंडस्ट्री में कई ऐसे बेहतरीन गाने दिए जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। आज बेशक हर दिन नए गाने सुनने को मिल जाते हैं, लेकिन 80 और 90 के दशक के गानों का जो खुमार था शायद उसे वापस नहीं लाया जा सकता। बप्पी लहरी का कहना है कि आज कल के गानों को याद नहीं किया जा सकता। संगीत-उद्योग में पांच दशकों से अधिक समय से मौजूद लाहिड़ी 'याद आ रही है', 'यार बिना चैन कहां रे', 'तम्मा तम्मा लोगे' और 'आई एम ए डिस्को डांसर' जैसे कई लोकप्रिय गीत दिए हैं।

यह पूछने पर कि क्या वह आज के गीतों और इसके बोल से खुश हैं? लाहिड़ी ने आईएएनएस से कहा, "क्या आप किसी गीत के शब्द याद कर सकते हैं? हम आजकल शब्दों पर नहीं जा रहे हैं।" गायक ने 'यार बिना चैन कहां रे', 'सोचना क्या जो भी होगा देखा जाएगा' जैसे गीतों का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तरह के गीत अब नहीं लिखे जा रहे हैं। (संजय दत्त की पूर्व पत्नी ने पेस पर लगाया था घरेलू हिंसा का आरोप, गौरी खान 5 बॉडीगार्ड संग पहुंची थीं बचाने)

उन्होंने कहा, "फिल्म सुपर हिट हो सकती है, लेकिन गीतों का अस्तित्व मुश्किल है। आज के गीत एकदिवसीय क्रिकेट मैच की तरह हैं। स्वर्णयुग के गीत टेस्ट मैच थे। चाहे बप्पी लाहिड़ी के गीत हों, कल्याणजी-आनंदजी के, आर.डी. बर्मन या लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के गीत.. लोग आज भी उन गीतों को गुनगुनाते हैं।" लाहिड़ी ने हॉलीवुड फिल्म 'द किंग्समैन: द गोल्डन सर्कल' के हिंदी संस्करण में एल्टन जॉन के लिए डबिंग की है।

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