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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड संगीत का जादूगर जो आलोचना होने पर कहता था...कुछ तो लोग कहेंगे..

संगीत का जादूगर जो आलोचना होने पर कहता था...कुछ तो लोग कहेंगे..

3 दशक, 331 फिल्में और 5 भाषाओं में संगीत देने वाले राहुल देव बर्मन जिन्हें दुनिया पंचम दा के नाम से जानती है एक ऐसे फनकार थे जिन्होंने अपने पिता जैसा ही रुतबा और मुकाम हासिल किया।

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नई दिल्ली: 3 दशक, 331 फिल्में और 5 भाषाओं में संगीत देने वाले राहुल देव बर्मन जिन्हें दुनिया पंचम दा के नाम से जानती है एक ऐसे फनकार थे जिन्होंने अपने पिता जैसा ही रुतबा और मुकाम हासिल किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि पंचम दा ने अपनी पहली धुन महज 9 साल की उम्र में ही तैयार कर ली थी। पूर्व और पश्चिम के संगीत के मिश्रण से एक उम्दा धुन पेश करने वाले पंचम दा को कई बार इसके लिए आलोचना का भी सामना करना पड़ा, लेकिन वो हमेशा इन आलोचनाओं को यह कहकर हंसी में टालते रहे कि.....कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना। आज अगर पंचम दा जिंदा होते तो 77 बरस के होते।

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आर डी बर्मन ऐसे बन गए पंचम दा:

हिंदी सिनेमा जगत में अगर किसी फनकर को सबसे ज्यादा प्यार मिला है तो वह नाम बेशक आर डी बर्मन का ही होगा। सचिन देव बर्मन जैसे मशहूर संगीतकार के बेटे होने के बावजूद उन्होंने सिनेमा जगत में अपना एक खास मुकाम बनाया। एक बार की बात है आरडी बर्मन अपने घर पर बार-बार संगीत का पांचवां स्वर “पा” दुहरा रहे थे, स्वर्गीय अभिनेता अशोक कुमार इसे सुन काफी प्रभावित हुए और उसी दिन उन्होंने आरडी बर्मन को नया नाम देकर उन्हें पंचम दा  बना दिया।

3 दशक, 331 फिल्में और 5 भाषाओं में संगीत:

पंचम दा ने हिंदी सिनेमा जगत में करीब तीन दशक तक राज किया। साल 1960 से 1990 तक आरडी बर्मन ने अपनी धुनों से लोगों को तरंगित किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि पंचम दा ने अपनी पहली धुन “ऐ मेरी टोपी पलट के” महज 9 बरस की उम्र में ही तैयार की थी। इस धुन का इस्तेमाल उनके पिता सचिन देव बर्मन ने फिल्म फंटूश में किया था। इतना ही नहीं “सर जो तेरा चकराए” धुन को भी पंचम ने बचपन में ही तैयार कर लिया था। इस धुन का इस्तेमाल गुरदत्त की फिल्म प्यासा में किया गया। साल 1966 में आई फिल्म तीसरी मंजिल से लेकर साल 1994 में आई अ लव स्टोरी तक पंचम दा ने तमाम फिल्मों में अपनी धुनों से लोगों को खुश और चकित किया। आपको बता दें कि उन्होंने हिन्दी के अलावा बंगला, तमिल, तेलगु, और मराठी भाषाओं में भी काम किया है।

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