A
Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड फिल्म रिव्यू: हाफ टिकट में भी मत देखिए ‘हाफ गर्लफ्रेंड’

फिल्म रिव्यू: हाफ टिकट में भी मत देखिए ‘हाफ गर्लफ्रेंड’

फिल्म में अर्जुन कपूर बिहार लड़के के किरदार में बिल्कुल अच्छे नहीं लगे हैं। बोलचाल से वो बिल्कुल भी बिहारी नहीं लगते हैं।

half gf- India TV Hindi Image Source : PTI half gf

फिल्म समीक्षा- चेतन भगत के उपन्यास पर कई फिल्में बन चुकी हैं। जिसमें कई सुपरहिट भी हुई हैं। ‘3 इडियट्स’ और ‘2 स्टेट्स’ इसका उदाहरण हैं। ‘आशिकी 2’ और ‘एक विलेन’ जैसी हिट फिल्में निर्देशित करने वाले मोहित सूरी ने चेतन भगत के उपन्यास ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ पर उसी टाइटल के साथ फिल्म बनाई है। लेकिन यह फिल्म पूरी तरह से असफल रही है।

कहानी- ये कहानी बिहार के सिमरावं गांव के लड़के माधव झा(अर्जुन कपूर)की है। माधव सिमरावं गांव के राजघराने से है, जो गांव से पढ़ाई करने दिल्ली जाता है। माधव की इंगलिश बहुत खराब है, लेकिन स्पोर्ट्स कोटे के तहत उसे कॉलेज में एडमिशन मिल जाता है। कॉलेज में उसकी मुलाकात रिया सोमानी(श्रद्धा कपूर)से होती है। श्रद्धा को फर्राटेदार इंगलिश बोलते देख माधव उससे प्रभावित हो जाता है। दोनों ही बास्केट बॉल खेलते हैं इसलिए दोनों की दोस्ती हो जाती है। माधव को रिया से प्यार हो जाता है, लेकिन रिया कहती है वो सिर्फ उसकी हाफ गर्लफ्रेंड बन सकती है। बाद में दोनों का ब्रेकअप हो जाता है और रिया लंदन चली जाती है। दोनों की दूसरी मुलाकात पटना में होती है, लेकिन एक बार फिर रिया माधव को छोड़कर न्यू यॉर्क चली जाती है। माधव इस बार रिया को ढूंढ़ने न्यू यॉर्क पहुंच जाता है। क्या माधव को रिया मिलती है ये जानने के लिए आपको सिनेमा हॉल जाना पड़ेगा।

अभिनय- फिल्म में अर्जुन कपूर बिहार लड़के के किरदार में बिल्कुल अच्छे नहीं लगे हैं। बोलचाल से वो बिल्कुल भी बिहारी नहीं लगते हैं। श्रद्धा कपूर ने भी ठीक-ठाक अभिनय किया है। एक्टिंग से ज्यादा श्रद्धा के कपड़ों पर मेहनत की गई है।

म्यूजिक- फिल्म के गाने पहले ही हिट हैं। बारिश और फिर भी तुमको चाहूंगा फिल्म में भी काफी अच्छे लगे हैं।

Image Source : ptihalf gf

लोकेशन- फिल्म की शूटिंग दिल्ली, पटना और न्यू यॉर्क में हुई है। लेकिन पटना के दृश्य बिल्कुल बनावटी लग रहे हैं।

कमियां- हाफ गर्लफ्रेंड नॉवेल चेतन भगत की खराब उपन्यासों में गिना जाता है। फिल्म की कहानी बेहद साधारण है।

फिल्म के डायलॉग घिसे-पिटे हैं। ना ही फिल्म में रोमांस अच्छे से फिल्माया गया है ना ही इमोशनल सीन। फिल्म से आप खुद को कनेक्ट नहीं कर पाएंगे।

​एक चीज और मुझे अजीब लगी, रिया जब भी उदास होती थी इंडिया गेट के अंदर घुसकर ऊपर पहुंच जाती है, एक बार जाना ठीक लगता है लेकिन इतनी सिक्योरिटी होने के बावजूद बार-बार रिया का इंडिया गेट पर चढ़ना बेहद बनावटी लगता है।

क्यों देखें- अगर आप चेतन भगत की किताबें पसंद करते हैं और श्रद्धा कपूर के फैन हैं तो आप यह फिल्म देख सकते हैं।

खबर इंडिया टीवी रेटिंग- फिल्म इंटरवल के बाद बहुत खींची गई है, लगता है अब खत्म हुई लेकिन खत्म नहीं होती। इस फिल्म को मैं 2 स्टार दूंगी।

Latest Bollywood News