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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड फिल्में वास्तविकता को नहीं बदल सकती हैं : पंकज त्रिपाठी

फिल्में वास्तविकता को नहीं बदल सकती हैं : पंकज त्रिपाठी

अभिनेता पंकज त्रिपाठी का कहना है कि फिल्में वास्तविकता को पूरी तरह से नहीं बदल सकती हैं। पंकज त्रिपाठी हाल ही में गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल में नजर आए हैं।

pankaj tripathi- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/VICKYKAUSHAL09 पंकज त्रिपाठी

अभिनेता पंकज त्रिपाठी का कहना है कि फिल्में वास्तविकता को पूरी तरह से नहीं बदल सकती हैं, लेकिन इनसे समय के साथ व्यवस्थित ढंग से धीरे-धीरे मानसिकताओं को बदलने के लिए एक बातचीत की शुरूआत हो सकती है। पंकज हमेशा से ही 'गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल' जैसी किसी फिल्म का हिस्सा बनना चाहते थे जिसमें महिला सशक्तिकरण की बात कही गई है, जिसका मकसद युवा लड़कियों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिन प्रयास करने हेतु प्रेरित करना है।

अभिनेता फिल्म में गुंजन के पिता का किरदार निभा रहे हैं, जो साल 1999 में हुई कारगिल की जंग में भाग लेने वाली भारतीय वायुसेना की पहली महिला पायलट हैं।

पंकज कहते हैं, "फिल्म में एक खूबसूरत सी लाइन है जिसमें कहा गया है - 'प्लेन लड़का उड़ाए या लड़की, दोनों को पायलट ही कहते हैं।' एक खूबसूरत से संवाद और इसकी कहानी से सालों पुरानी लैंगिक रुढ़िवादिता को कुचल दिया। खुद एक बेटी का पिता होने के नाते इसकी कहानी ने कुछ हद तक मुझे भी अंदर से प्रभावित किया है। मैं चाहता हूं अधिक से अधिक पिता अनुज सक्सेना (उनका किरदार) और अधिक से अधिक बेटियां गुंजन की तरह बनें।"

उन्होंने आगे कहा, "इस फिल्म के लिए मैंने कुछ अपने खुद के कुछ अनुभवों से भी काम लिया है और इस दौरान त्याग के हर उस ²ष्टांत को मैं करता रहा जिसमें मैंने महिलाओं को पितृसत्तात्मक समाज द्वारा बनाई गई सामाजिक नियमों में खुद को ढालने के लिए संघर्ष करते देखा है। हां, शायद फिल्में वास्तविकता को पूरी तरह से बदल नहीं सकती हैं, लेकिन इनसे समय के साथ व्यवस्थित ढंग से धीरे-धीरे मानसिकताओं को बदलने के लिए एक बातचीत की शुरूआत जरूर हो सकती है।"

(इनपुट-आईएएनएस)

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