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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- फिल्म निर्माताओं, लेखकों को होनी चाहिए अभिव्यक्ति की आजादी

सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि फिल्म निर्माताओं व लेखकों को अभिव्यक्ति की आजादी होनी चाहिए और उनकी इस आजादी पर रोक नहीं लगाई जा सकती।

supreme court on right to speak- India TV Hindi Image Source : PTI supreme court on right to speak

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि फिल्म निर्माताओं व लेखकों को अभिव्यक्ति की आजादी होनी चाहिए और उनकी इस आजादी पर रोक नहीं लगाई जा सकती। शीर्ष अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर बनी फिल्म 'एन इनसिग्नीफिकेंट मैन' की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग लेकर दायर याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह फिल्म अब अपने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को रिलीज होगी। फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग को लेकर नचिकेता वल्हाकर की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, "फिल्म पर रोक लगाने का आदेश देने में अदालत का रवैया अत्यधिक निष्क्रिय होना चाहिए, क्योंकि बोलने व अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।"

शीर्ष अदालत ने कहा कि रचनात्मक कार्य से जुड़े हर व्यक्ति को फिल्म बनाने व नाटकों की रचना करने और उनकी प्रस्तुति का अधिकार है।

याचिकाकर्ता वल्हाकर वही शख्स हैं, जिन्होंने वर्ष 2013 में कथित तौर पर केजरीवाल पर स्याही फेंकी थी। उनका कहना था कि फिल्म के प्रोमोशन को लेकर उस घटना का वीडियो जारी किया गया है, जो इसी फिल्म का हिस्सा है।

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