अकीरा

Akira Movie Review starring Sonakshi Sinha and Anurag Kashyap is here. Read it full.

India Tv entertainment Desk 02 Sep 2016, 20:30:19 IST
मूवी रिव्यू:: Akira
Critics Rating: 2.5 / 5
पर्दे पर: Sep 2, 2016
कलाकार: सोनाक्षी सिन्हा, अनुराग कश्यप
डायरेक्टर: ए.आर. मुरुगदोस
शैली: एक्शन फिल्म
संगीत: विशाल-शेखर

सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म ‘अकीरा’ को लेकर जितनी उम्मीदें दर्शकों ने पाली थीं दबंग गर्ल उसमें खरी उतरती नहीं दिखी हैं। एआर मुरुगदोस ने बेशक सोनाक्षी को लेकर बड़ा रिस्क उठाया है, लेकिन कहीं न कहीं फिल्म 'अकीरा' ज्यादा बेहतर ही नहीं बल्कि ठीक-ठाक नजर आती है। तीन साल जेल काट चुकी कॉलेज गर्ल अकीरा एक गुस्सैल लड़की है जो फिल्म के अधिकांश सीन में मार-धाड़ करती नजर आती हैं। फिल्म के काफी सारे पक्ष कमजोर नजर आते हैं। मसलन फिल्म की स्क्रिप्ट की कसावट उतनी उम्दा नहीं है। बहरहाल समीक्षक इस फिल्म को 2 से 3.5 स्टार तक दे रहे हैं।

क्या है फिल्म की कहानी:

फिल्म की कहानी एक फ्लैशबैक से शुरु होती है जिसमें अकीरा और दो पुलिस वाले एंकाउंटर के लिए जाते दिखते हैं। फिर फिल्म की कहानी अकीरा के बचपन में लौटती है। बचपन में जब अकीरा एक लड़की पर एसिड अटैक होते देखती है तो उससे देखा नहीं जाता। वह हमलावरों की शिनाख्त कर लेती है। हालांकि उसकी यह बहादुरी उसके लिए परेशानी का सबब बन जाती है। हमलावर अकीरा पर एसिड अटैक करने की कोशिश करते हैं। आत्मरक्षा में अकीरा के हाथ से एसिड छिटककर एक लड़के पर गिर जाता है। अकीरा को खुद को निर्दोष साबित करने में तीन साल लग जाते हैं। इसके बाद अकीरा को उसके परिवार वाले पढ़ाई के लिए मुंबई भेज देते हैं। लेकिन नियति और उसका स्वभाव यहां भी उसका पीछा नहीं छोड़ता। वो फिर से मुंबई के कॉलेज में मारपीट करती है। तमाम एक्शन सीन के साथ फिल्म फ्रेम-बाई फ्रेम आगे बढ़ती जाती है।

गुस्सैल अकीरा ने खूब दिखाया जोर लेकिन जमा नहीं एक्शन:

एस स्माल टॉउन गर्ल जो पढ़ाई करने के लिए मुंबई आती है। अकीरा के परिवार वाले उम्मीद करते हैं कि उनकी बेटी मुंबई जाकर पढ़ेगी-लिखेगी और शायद उसका गुस्सैल स्वभाव शांत हो जाएगा। लेकिन अपने स्वभाव के मुताबिक अकीरा महिलाओं के खिलाफ कोई भी गलत बात बर्दाश्त नहीं कर पाती है और तुरंत अपना आपा खो देती है। मुंबई जाते ही वो एक करप्ट पुलिस ऑफिसर अनुराग कश्यप के खिलाफ मोर्चा खोल देती हैं। यकीन मानिए आप इस फिल्म में अनुराग की एक्टिंग के मुरीद हो जाएंगे। बीते कुछ सालों में एक फिल्म निर्देशक का फिल्म में एक्टिंग करने का शगल तेजी से बढ़ता दिख रहा है। आप इससे पहले गंगाजल में प्रकाश झा को भी एक्टिंग करता हुआ देख चुके हैं। फिल्म देखते-देखते आपको सोनाक्षी में एक बैड मैन की छवि उभरती हुई दिखेगी। फिल्म काफी सारे ट्विस्ट और एक्शन से भरपूर है। हालांकि सेकेंड हॉफ थोड़ा कमजोर नजर आता है। एआर मुरुगदौस यह तीसरी फिल्म है। वैसे तो वो पुरुष प्रधान फिल्में बनाने वाले निर्देशक ने पहली बार महिला को अहम रोल के लिए कास्ट किया है।

क्या है फिल्म का कमजोर पक्ष:

फिल्म में काफी सारे एक्शन सीन हैं लेकिन सीन्स दर्शकों को उतना प्रभावित नहीं कर पाए। फिल्म में भावुक दृश्य भी हैं जो दृवित नहीं करते क्योंकि वो कहीं न कहीं भावहीन नजर आते हैं। फिल्म के संवाद भी ठीक-ठाक ही हैं। कोंकणा सेन शर्मा ने काफी अच्छा काम किया है, वो एक गर्भवती पुलिस महिला के रोल में नजर आई हैं।

क्यों देखें फिल्म:

अगर आपने भी अपने कॉलेज के जमाने में रैगिंग को फेस किया है तो आपको यह फिल्म कहीं न कहीं पसंद आ सकती है। आप इस फिल्म से खुद को कनेक्ट करने की कोशिश कर सकते हैं। वहीं सोनाक्षी सिन्हा के चाहने वालों को यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए क्योंकि काफी दिनों बाद सोनाक्षी ने एक दमदार रोल को पर्दे पर जीने की भरसक कोशिश की है।