Batla House Movie Review: एक्टिंग से लेकर एक्शन तक भरपूर है जॉन अब्राहम की 'बाटला हाउस', तालियां बजाने से रोक पाना थोड़ा मुश्किल

Batla House Movie Review: एक्टिंग से लेकर एक्शन तक भरपूर है जॉन अब्राहम की 'बाटला हाउस', फिल्म में जॉन अब्राहम (John Abraham) मुख्य भूमिका में हैं। उनके अलावा मृणाल ठाकुर, नोरा फतेही भी है। जानें निखिल आडवाणी की कैसी है ये फिल्म...

shivani singh 30 Aug 2019, 15:06:58 IST
मूवी रिव्यू:: Batla House
Critics Rating: 3.5 / 5
पर्दे पर: 15 august 2019
कलाकार: जॉन अब्राहम
डायरेक्टर: निखिल आडवाणी
शैली: action thriller
संगीत: ‎Rochak Kohli‎, ‎Tanishk Bagchi

Batla House Movie Review (बाटला हाउस मूवी रिव्यू)दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में न जाने कितने सवालों के साथ शुरु हुई फिल्म 'बाटला हाउस' आखिरकार रिलीज होने जा रही हैं। 15 अगस्त के खास मौके में जॉन अब्राहम(John Abraham) की फिल्म देखने के लिए दर्शक बिल्कुल उतावले हो चुके हैं। फिल्म की कहानी साल 2008 में दिल्ली के जामिया नगर के एल- 18 बाटला हाउस में हुए एनकाउंटर पर आधारित है। जिसमें जॉन अब्राहम एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर की भूमिका में नजर आ रहे हैं। वहीं मृणाल ठाकुर (mrunal thakur) के अलावा नोरा फतेही (Nora Fatehi)की शानदार एक्टिंग  इस फिल्म में देखने को मिलेगी। 

कहानी
इस कहानी की शुरुआत दिल्ली पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर को लेकर मीडिया की तरह से न जाने कितने सवाल दागे जाते है। जिसका जवाब शायद ही पुलिस वालों के पास है। इसके बाद सीधे फिल्म पुलिस ऑफिसर संजय कुमार ( जॉन अब्राहम)  के घर का होता है। जहां पर  संजय और पत्नी नंदिता( मृणाल ठाकुर) के बीच जमकर लड़ाई हो रही हैं। जिसके बाद संजय अपनी पत्नी को घर छोड़कर जाने के लिए कहता है। इसके बाद फिल्म में सीधे आपको ले जाती है दिल्ली के जामिया नगर के एल- 18 बाटला हाउस। जहां पर जॉन अब्राहम पुलिस ऑफिसर संजय कुमार यादव की भूमिका में हैं और रवि किशन दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के अफसर के. के वहां की तीसरी मंजिल पर रेड करने जाते हैं। वहां पर पुलिस की इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकियों से मुठभेड़ होती है। इस मुठभेड़ में 2 संदिग्धों की मौत हो जाती है। इसके साथ ही 2 संदिग्ध मौके से भाग निकलता है। और तुफैल नाम का संदिग्ध  पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है। इसके साथ ही इस मुठभेड़ में के.के घायल हो जाता है। जिसकी बाद में हॉस्पिटल में मौत हो जाती है।

Mission Mangal Movie Review: अक्षय कुमार का मंगलयान दिखा नहीं पाया कमाल, एंटरटेनमेंट के चक्कर में खो गई स्क्रिप्ट

इस मुठभेड़ के बाद देश भर में आक्रोश भर जाता है। इससे फर्जी एनकाउंटर कहकर आम जनता, बड़े ऑफिसर से लेकर राजनितिक पार्टियां भी आरोप-प्रत्यारोप करना शुरु कर देती है। संजय कुमार की टीम पर बेकसूर छात्रों को मारने का आरोप लगाया जाता है। जिसके बाद उनकी टीम में न जाने कितनी परेशानियों को सामना करना पड़ता है।

वहीं दूसरी ओर संजय कुमार एक मानसिक बीमारी पोस्ट ट्रॉमैटिक डिसॉर्डर का शिकार हो जाते हैं। जिसके कारण उनकी जिंदगी में कई समस्याएं आ जाती है। अब पुलिस ऑफिसर संजय कुमार खुद को और अपनी टीम के साथ-साथ अपनी मैरिज लाइफ कौ कैसे बचाते हैं। इस बारे में जानने के लिए आपको फिल्म तो देखनी ही पड़ेगी।

एक्टिंग
सबसे पहले बात करते जॉन अब्राहम की एक्टिंग की तो हर बार की तरह इस बार भी वह पुलिस के किरदार में एक दम जम रहे हैं। उन्होंने हर डॉयलॉग, एक्शन के साथ-साथ अपने इमोशनल अंदाज को इस तरह सामने लाए है कि कि आप देखकर कहेंगे कि सच में यह असली संजय कुमार तो नहीं है। यूं कह सकते है कि जॉन अब्राहम की इस फिल्म में अभी तक की बेस्ट परफॉर्मेंस है।  

इस मुठभेड़ में तुफैल बनें आलोक पांडे को जॉन अब्राहम कुरान की आयत को अरबी में बोलकर हिंदी में इस तरह समझाते हैं। जिससे देखकर एक पल के लिए आप भी शॉक्ड हो जाएंगे। पूरी फिल्म में वह एक ऑफिसर के रुप में हर समय से लड़ते नजर आएं। कहीं भी कुछ भी एक्स्ट्रा नहीं हुआ। 

मृणाल ठाकुर ने जॉन अब्राहम की पत्नी नंदिता का किरदार निभाया है। इस फिल्म में उन्होंने एक पत्नी के साथ-साथ न्यूज एंकर का किरदार में नजर आईं। लेकिन उनके रोल में कुछ तो कमी नजर आईं। 

के.के के रोल में रवि किशन के सीन तो कम थे लेकिन उन्होंने इस किरदार में दर्शकों के बीच असर छोड़ने में कामयाब हो जाएंगे। 

अब बात करते है नोरा फतेही की जोकि इस फिल्म में एक डांसर का किरदार निभा रही हैं। इसके अलावा वह एक फिल्म का एक अहम हिस्सा भी बनीं। उनका रोल तो छोटा था लेकिन उस किरदार से बेशक वह हर किसी का दिल जरुर जीत लेंगी। 

इसके अलावा सपॉर्टिग स्टार्स की बात करें तो उसमें आलोक पांडे, मनीष चौधरी, क्रांति प्रकाश झा जैसे स्टार्स ने इस फिल्म को एक मजबूती दी।   

डायरेक्शन
डायरेक्टर निखिल आडवाणी ने दमदार तरीके से इस फिल्म को पेश किया है। जिसकी जितनी तारीफ की जाए शायद वो भी कम पड़े। यह फिल्म कई परतों के साथ इस तरह स्मूद तरीके से चलती है कि आपको हर एक सीन के बाद यहीं लगेगा कि अब आगे क्या होने वाला है। हर एक सीन में पुलिस की जाबांजी, पुलिस की ईमानदारी, धार्मिक कट्टरता, धर्म संबंधी समस्या, राजनीतिक दृष्टिकोण, मीडिया की कबरेज  को इस तरह सामने पेश किया है। जिसे देखकर आपको वास्तविकता लगेगी। 

इस फिल्म में कई ऐसे रियल फुटेज भी लिए है जोकि बाटला हाउस एनकाउंट के समय के है। जिसमें अरविंद केजरीवाल, लालकृष्ण आडवाणी, अमर सिंह, सलमान खुर्शीद, दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं के फुटेज थे। यह फुटेज इस फिल्म को रियलिस्टिक बना देते है। 

यह फिल्म बीच में थोड़ी धीमी हो गई है। इसके साथ ही अंत में क्लाइमेक्स को ओर थोड़ा जोर और पुख्ता करना चाहिए था। 

डॉयलॉग्स
बाटला हाउस फिल्म में डॉयलॉग्स की बात करें तो इस तरीके से पेश किया गया है। जिसमें हर किरदार ने उम्दा प्रदर्शन किया है। इस फिल्म में बेहतरीन डायलोग्स के साथ कई ऐसे डायलोग्स भी है जो आपको तालियां बजाने के लिए मजबूर कर देगा। जैसे एक सीन में संजीव कुमार यादव कहता है 'एक टैरेरिस्ट को मारने के लिए सरकार जो रकम देती है, उससे ज्यादा तो एक ट्रैफिक पुलिस एक हफ्ते में कमा सकता है।'

 म्यूजिक
संगीत की बात करें इस फिल्म में 2 गाने सामने आए है। जिसमें एक इमोशनल तो दूसरा पार्टी टाइप है। तुलसी कुमार, नेहा कक्कड़ और बी प्राक का गाया हुआ गाना 'साकी' दर्शकों को काफी पसंद आएगा।

फिल्म में सबसे अच्छी चीज
इस फिल्म में सबसे खास बात है कि इसमें पुलिस का गुंडाराज नहीं दिखाया है। न ही उनका गुणगान किया जा रहा है। असल में जो है उसे पूरी तरह दर्शाने में निखिल सफल हो गए हैं। 

देखें कि नहीं
अगर आप जॉन अब्राहम के फैन है। इसके साथ ही रियलिस्टिक फिल्में देखने का शौक है तो इस फिल्म को जरुर देखें। 

इंडिया टीवी इस फिल्म को शानदार डायरेक्शन, एक्टिंग और म्यूजिक के कारण 5 में से 3.5 स्टार देता है।

ट्रेलर-