Hindi News Entertainment Movie Review लव आज कल

लव आज कल मूवी रिव्यू: उलझे हुए रिश्तों की उलझी प्रेम कहानी

जानिए कैसी है कार्तिक आर्यन और सारा अली खान की फिल्म 'लव आज कल'?

Jyoti Jaiswal 14 Feb 2020, 17:21:54 IST
मूवी रिव्यू:: लव आज कल
Critics Rating: 2 / 5
पर्दे पर: 14 फरवरी 2020
कलाकार:
डायरेक्टर: इम्तियाज अली
शैली: रोमांटिक ड्रामा
संगीत: प्रीतम

लव आज कल रिव्यू: साल 2010 में इम्तियाज अली ने सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण को लेकर एक फिल्म बनाई थी नाम था लव आज कल। इस फिल्म में दो स्टोरी एक साथ चलती दिखी थी एक सैफ अली खान की और एक ऋषि कपूर की। इसी नाम से और इसी थीम पर 10 साल बाद इम्तियाज अली ने कार्तिक आर्यन और सारा अली खान को लेकर फिल्म बनाई है। इस फिल्म की कहानी 2020 के यूथ की है जिनका रिलेशनशिप स्टेटस ज्यादातर कॉम्प्लिकेटेड होता है। इस कॉम्प्लिकेशन में इम्तियाज अली इतने ज्यादा कॉम्प्लेक्स हो गए हैं कि यह फिल्म हमारे दिल को ज्यादा देर तक छू नहीं पाती है। 

फिल्म शुरुआत से ही 1990 और 2020 की स्टोरी को एकसाथ लेकर आगे बढ़ती है। जोई के रोल में सारा अली खान हैं जो आज के दौर की लड़की है, जो लड़कों के साथ टाइमपास करना चाहती है लेकिन सीरियस रिलेशनशिप में नहीं पड़ना चाहती है क्योंकि उसे लगता है कि सीरियस रिश्ता उसके करियर में रोड़ा बनेगा। एक दिन उसकी मुलाकात वीर (कार्तिक आर्यन) से होती है, लेकिन कार्तिक पहली मुलाकात में उसके साथ जिस्मानी रिश्ता बनाने से मना कर देता है लेकिन उसका पीछा करता है। वो जहां भी जाती है वो भी वहीं पहुंच जाता है। जोई उससे परेशान भी होती है लेकिन रणदीप हुड्डा उसे अपनी कहानी सुनाता है, रघु और लीना (कार्तिक आर्यन और आरुषि) की लव स्टोरी। रणदीप उसे अपनी कहानी सुनाकर एहसास दिलाते हैं कि उसे वीर को खोना नहीं चाहिए।

इम्तियाज अली की फिल्मों की खासियत होती है कि उनकी फिल्म के नायक और नायिका की प्रेम कहानी उलझी होती है, नायक नायिका अपनी जिंदगी को लेकर कन्फ्यूज्ड रहते हैं। इस फिल्म में नायिका को अपने करियर और प्यार में एकसाथ बैलेंस बनाना नामुमकिन लगता है। लेकिन यहां हम जैसे दर्शक ये सोचते हैं कि इतना भी क्या कॉम्प्लेक्स होना, आजकल ज्यादातर लड़कियां प्यार और करियर एकसाथ बैलेंस करती हैं और बहुत अच्छे से करती हैं। फिल्म में सारा अली खान कई जगह बहुत लाउड हो गई हैं, उनका अभिनय फिल्म की कहानी के हिसाब से बहुत कमजोर था। वीर के रोल में कार्तिक आर्यन भी बहुत ज्यादा इम्प्रेस नहीं करते हैं। हां रघु और लीना की स्टोरी हमें अच्छी लगती है, लीना का रोल निभाने वाली आरुषि का फेशियल एक्सप्रेशन कमाल का है वो अपने चेहरे से ही बहुत कुछ कह जाती हैं। फिल्म में सबसे ज्यादा जो अच्छा लगा है वो हैं रणदीप हुड्डा, जब भी वो स्क्रीन पर आते हैं लगता है बस उनकी ही कहानी चलती रहे। सारा के साथ रणदीप की केमिस्ट्री में स्पार्क जरूर नजर आता है। लेकिन ऐसा लगता है कि रणदीप में जितना टैलेंट है उतना उन्हें मौका मिल नहीं पाया।

फिल्म में सारा अली खान का लुक और उनके कपड़े काफी इम्प्रेसिव हैं, लेकिन अभी एक्टिंग में उनको बहुत सारी मेहनत की जरूरत है। फिल्म में ड्रामा बहुत ज्यादा है, कई सीन जरूरत से ज्यादा ओवर लगते हैं।

फिल्म का म्यूजिक और गाने कमाल के हैं। 'शायद', 'हां मैं गलत', 'दूरियां' जैसे गानों के लिरिक्स और म्यूजिक बहुत शानदार हैं। इरशाद कामिल और प्रीतम बधाई के पात्र हैं।

इम्तियाज अली का निर्देशन एवरेज रहा है। इम्तियाज अली से मुझे बस इतना कहना है कि वो अब अपनी फिल्मों से तंग करने लगे हैं। एक ऐसी फिल्म जो पहले से ही बहुत अच्छी बन चुकी है उसी फिल्म के थीम को रिक्रिएट करके नई स्टोरी के साथ पेश करना चैलेंजिंग तो रहा होगा, लेकिन जब आप सैफ और दीपिका का बेहतरीन अभिनय और लव आज कल की बेहतरीन लव स्टोरी देख चुके हों तो आपको सारा कार्तिक की लव आज कल इम्प्रेस करने में कामयाब नहीं होगी। तो अगर आपके पास वैलेंटाइन डे का कोई अच्छा प्लान नहीं है तो आप ये फिल्म देख सकते हैं। इंडिया टीवी की तरफ से 5 में से 2 स्टार।