Selfiee Movie Review: टिकट खरीदने से पहले जानिए कैसी है फिल्म, पढ़िए अक्षय और इमरान की 'सेल्फी' का रिव्यू

Selfiee Movie Hindi Review: अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की फिल्म 'सेल्फी' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। यहां जानिए कैसी है ये फिल्म...

Ritu Tripathi 24 Feb 2023, 10:09:11 IST
मूवी रिव्यू:: सेल्फी
Critics Rating: 2 / 5
पर्दे पर: Feb 24, 2023
कलाकार: अक्षय कुमार
डायरेक्टर: राज मेहता
शैली: कॉमेडी
संगीत: अनु मलिक

Selfiee Movie Hindi Review: बॉलीवुड के 'खिलाड़ी कुमार' यानी अक्षय कुमार आज फिर अपनी नई फिल्म 'सेल्फी' के साथ सिनेमाघरों में दस्तक दे चुके हैं। फिल्म में इमरान हाशमी भी हैं। फिल्म के निर्देशक राज मेहता पहले भी अक्षय कुमार के साथ 'गुड न्यूज' जैसी फिल्म दे चुके हैं। इस बार दोनों के साथ इमरान हाशमी भी हैं। फिल्म कितनी चलेगी यह कहना मुश्किल है क्योंकि फिल्म भी मलयालम मूवी 'ड्राइविंग लाइसेंस' हिंदी रीमेक है। तो इसका हाल भी कहीं  'अला वैकुंठपुरमलो' की हिंदी रीमेक 'शहजादा' की तरह न हो। हालांकि अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की फैन फॉलोइंग तगड़ी है। तो आइए जातने हैं कि कैसी है ये फिल्म...

ये है फिल्म की कहानी 

आरटीओ इंस्पेक्टर ओम प्रकाश अग्रवाल (इमरान हाशमी), जिसकी पोस्टिंग भोपाल जैसे खूबसूरत शहर में है। वह फिल्म स्टार विजय कुमार (अक्षय कुमार) का बड़ा फैन है, वह उनसे मिलने के लिए और सिर्फ एक सेल्फी लेने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। वह फिल्म स्टार विजय कुमार को भगवान की तरह से पूजता है और उनकी सारी मूवीज देखता है। फिल्म देखने के बाद वह विजय कुमार को मैसेज भी करता है कि मूवी उसे कैसी लगी? 

एक दिन विजय कुमार मूवी की शूटिंग करने के लिए भोपाल आता है, तो ओम प्रकाश और उसका बेटा गप्पू सेल्फी लेने के लिए विजय कुमार के पास जाते हैं। वहां उन लोगों को विजय कुमार की सेल्फी नहीं मिल पाती है। फिर शूटिंग की लोकेशन के लिए विजय कुमार को लाइसेंस की जरूरत होती है। तो फिर विजय कुमार और ओम प्रकाश का आमना सामना होता है। अब कहानी कुछ ऐसे मोड़ लेती है कि दोनों एक दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं। अब विजय कुमार को लाइसेंस और ओम प्रकाश को सेल्फी मिल पाती है या नहीं। ये आपको मूवी देखकर पता लगेगा। 

कैसा है डायरेक्शन 

राज मेहता बॉलीवुड के उन डायरेक्टर में शुमार हैं जो छोटे छोटे मूमेंट से दर्शकों का दिल जीतते हैं और उनके चेहरों पर मुस्कान लाते हैं। लेकिन इस बार उनका ये जादू चलता नजर नहीं आ रहा। फिल्म देखते हुए आपको कई बार डायरेक्शन में कसावट की कमी देखने को मिलेगी। अगर आप फिल्म का ट्रेलर देख चुके हैं तो आपको फिल्म में मुश्किल से ही कुछ नया मिलेगा। ओवरऑल कहा जाए तो राज मेहता का डायरेक्शन पिछली फिल्मों के मुकाबले खराब था।

फीमेल किरदारों को नहीं मिला स्क्रीन टाइम

कहानी एकदम सीधी है, जिसे दर्शक आसानी से जान जाते हैं, स्क्रीन प्ले बिखरा हुआ है। ओम प्रकाश की वाइफ मिंटी (नुसरत भरूचा) और विजय कुमार की वाइफ के रोल में डायना पेंटी के लिए कहानी में कुछ खास नहीं था और ना ही डायरेक्टर राज मेहता ने उन्हें ज्यादा स्क्रीन टाइम दिया। अक्षय कुमार पिछली फिल्मों की तरह ही लगे हैं। हां इमरान हाशमी पिछली कुछ फिल्मों से अपने लिए अलग तरह के रोल चुन रहे हैं और उन्होंने अपनी भूमिका ठीक तरह से निभाई है। विलेन बने अभिमन्यु सिंह जब-जब स्क्रीन पर आते हैं दर्शको के चेहरे खिल जाते हैं। अगर आप अक्षय और इमरान के फैन हैं, तो मूवी देखने जा सकते हैं।

लाउड म्यूजिक और रीमिक्स गानों का कचरा  

फिल्म के म्यूजिक की बात की जाए तो बैक ग्राउंड म्यूजिक बहुत लाउड है, जो कई जगह दर्शकों के लिए असहनीय भी लग सकता है। अनु मलिक ने इस फिल्म में जो रीमिक्स गानों की दुकान खोली है वह शायद 4 दिन में ही लोग भूल जाएंगे। 

क्या है सबसे बड़ी कमजोरी 

फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी कहानी है, जिसमें बिल्कुल नयापन नहीं है। 'गुड न्यूज' जैसी बेहतरीन मूवी देने के बाद राज मेहता से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती। वहीं कई किरदारों को देखकर लगता है कि कास्टिंग सही से नहीं हुई है।