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Hindi News मनोरंजन टीवी पेड़ पर सांप लटकता देख भागने लगे थे 'राम'-'सीता' और 'लक्ष्मण', दीपिका चिखलिया ने शेयर किया इस सीन से जुड़ा दिलचस्प किस्सा

पेड़ पर सांप लटकता देख भागने लगे थे 'राम'-'सीता' और 'लक्ष्मण', दीपिका चिखलिया ने शेयर किया इस सीन से जुड़ा दिलचस्प किस्सा

लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन पर एक बार फिर से रामायण का प्रसारण किया गया था। इसके बाद से इस शो की स्टार कास्ट चर्चा में है।

दीपिका चिखलिया ने शेयर की फोटो- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM: @DIPIKACHIKHLIATOPIWALA दीपिका चिखलिया ने शेयर की फोटो

80 के दशक के मशहूर सीरियल रामायण को एक बार फिर से लॉकडाउन में दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया। इस बार भी रामानंद सागर के ऐतिहासिक धारावाहिक को दर्शकों का प्यार मिला। इस शो में सीता का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं उन्होंने एक सीन की फोटो शेयर कर इसके पीछे छिपे दिलचस्प किस्से का खुलासा किया है।

दीपिका ने इंस्टाग्राम पर दो फोटो का कोलाज शेयर किया है। इसमें सीता (दीपिका), राम (अरुण गोविल) और लक्ष्मण (सुनील लहरी) तीनों एक वृक्ष के नीचे खड़े दिखाई दे रहे हैं, लेकिन उन्हें शूटिंग के दौरान तुरंत इस जगह से भागना पड़ा था। ये बात दीपिका चिखलिया ने बताई है। उन्होंने लिखा- इस सीन के पीछे एक कहानी छिपी है। हम सभी शूटिंग में बिजी थे। अपनी-अपनी लाइन्स दोहरा रहे थे। हर दिन की तरह ये दिन भी नॉर्मल ही था, लेकिन अचानक एक सीन के खत्म होने के बाद कैमरामैन अजीत नायक (सिनेमेटोग्राफी) हमारे पास आए और उस जगह को तुरंत खाली करने के लिए कहा।

एक्ट्रेस ने आगे लिखा- हम सभी पेड़ के नीचे खड़े थे और हमें समझ ही नहीं आ रहा था कि हमें भागने के लिए क्यों कहा जा रहा है। उन्होंने सभी टेक्नीशियंस को भी जगह खाली करने के लिए कहा। सागर साहब भी हैरान थे कि ये सब क्या हो रहा है। तभी उन्होंने एक बड़े से सांप की तरफ इशारा करते हुए दिखाया, जो पेड़ से लिपटा हुआ था। ये देख हम सभी तुरंत वहां से अपनी जान बचाने के लिए भागे। बहुत सारी यादें...।

बता दें कि 'रामायण' का लेखन से लेकर निर्देशन रामानंद सागर ने किया था। इसलिए इस टीवी सीरीज को 'रामानंद रामायण' भी कहा जाता है। कुल 78 एपिसोड वाले इस धारावाहिक का देश मे पहली बार मूल प्रसारण 25 जनवरी, 1987 से लेकर 31 जुलाई, 1988 तक हुआ था। जून 2003 तक लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में यह विश्व के सर्वाधिक देखे जाने वाले पौराणिक धारावाहिक के रूप में दर्ज रहा।

(आईएएनएस इनपुट के साथ)