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अहमदिया के बाद अब बरेलवी समुदाय को पाकिस्तान में बनाया जा रहा निशाना! जानें धर्मस्थलों पर क्यों हो रहे हमले?

पाकिस्तान में शांति की बात करना हास्यास्पद है। इस देश में हिंसा, भुखमरी आम है। यहां अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं। पहले अहमदिया, शिया समुदाय के बाद अब बरेलवी समुदाय को भी निशाना बनाया जा रहा है। जानिए कौन कर रहा है इन पर हमले? क्या है पूरा मामला?

अब बरेलवी समुदाय को पाकिस्तान में बनाया जा रहा निशाना!- India TV Hindi Image Source : FILE अब बरेलवी समुदाय को पाकिस्तान में बनाया जा रहा निशाना!

Pakistan News: सुन्नी देश पाकिस्तान में अहमदिया, शिया के बाद अब बरेलवी मुस्लिमों को भी निशाने पर लिया जा रहा है। पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट की मानें तो पिछले महीने बलूचिस्तान के मस्तुंग जिले में हुआ आत्मघाती हमला एक बदलाव का संकेत देता है कि कैसे बरेलवी समुदाय को अब निशाना बनाया जा रहा है। वैसे पाकिस्तान में पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों के उत्पीड़न का किस्सा पुराना है। लिहाजा, उनकी मस्जिदों, संपत्तियों पर हमले होते रहे हैं। पाकिस्तान में ऐसे अहमदिया मुसलमानों की संख्या करीब 40 लाख है। बाद में उत्पीड़न का सिलसिला शिया मुस्लिमों तक जा पहुंचा और अब बरेलवी मुसलमान भी इसकी जद में आ चुके हैं। 

आतंकी समूह IS की हो सकती है करतूत

पिछले महीने बलूचिस्तान में हुए आत्मघाती हमले में 55 लोग मारे गए थे। 'डॉन' के अनुसार यह हमला बदलाव का सूचक है कि कैसे बरेलवी समुदाय अब निशाने पर है। बलूचिस्तान में आतंकवादी समूहों ने ऐतिहासिक रूप से शिया समुदाय और उनके मुहर्रम जुलूसों को निशाना बनाया था, लेकिन 12वें रबीउल अव्वल जुलूस को अबतक निशाना नहीं बनाया गया था। सुरक्षा अधिकारियों और विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस हमले के पीछे आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (IS) का हाथ है। तालिबान से खार खाए IS अब बलूचिस्तान के कई इलाकों में कहर बरपा रहा है।

म​स्तुंग जिले पर जल्दी जल्दी होने लगे हैं हमले

आईएस के दो स्थानीय सहयोगी संगठन इस्लामिक स्टेट इन खुरासान प्रोविंस (ISKP) और इस्लामिक स्टेट इन पाकिस्तान प्रोविंस (ISPP) से जुड़ी कई आतंकी घटनाएं देखी गई हैं। अखबार लिखता है कि मस्तुंग में आईएस जल्दी जल्दी हमले करने लगा है।जुलूस पर हमले से ठीक 15 दिन पहले आईएस आतंकियों ने 14 सितंबर को मस्तुंग जिले के जोटो इलाके में एक इस्लामी राजनीतिक दल जमीयत-ए-उलेमा इस्लाम-फज़ल (जेयूआई-एफ) के काफिले को बमों से निशाना बनाया था।

अल्पसंख्यक हैं सॉफ्ट टारगेट

अखबार ने इस्लामाबाद स्थित सुरक्षा विश्लेषक मुहम्मद अमीर राणा के हवाले से लिखा है कि आईएस के स्थानीय सहयोगी समूहों के आतंकी शिया समुदायों को निशाना बनाते रहे हैं। राणा के मुताबिक, 12वें रबीउल अव्वल जुलूस को निशाना बनाना यह दर्शाता है कि क्षेत्र में आईएस के स्थानीय सहयोगी शिया, बरेलवी और ज़िकरी जैसे अल्पसंख्यक मुस्लिम संप्रदायों को टारगेट कर रहे हैं। आईएस के सहयोगी संगठन ISKP प्रमुख शहाब अल मुहाजिर ने बरेलवी समुदाय की आलोचना की और '​काफिर' बताया। यही कारण है कि बरेलवी उनके निशाने पर हैं। लिहाजा,पाकिस्तान में शियाओं के साथ-साथ बरेलवी भी आईएस के निशाने पर हैं। आईएस समूह ने हाल के दिनों में बलूचिस्तान और सिंध में सूफी धर्मस्थलों पर भी हमले किए हैं। 

आईएस क्यों कर रहा अल्पसंख्यकों पर हमले?

दरअसल, बरेलवी और अन्य अल्पसंख्यक मुस्लिम संप्रदायों, ईसाइयों और सिखों जैसे गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हमला करके आईएस अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना चाहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान, खासकर बलूचिस्तान में आईएस के हमलों में बढ़ोतरी सीधे तौर पर पड़ोसी अफगानिस्तान में आईएस पर अफगान तालिबान की कार्रवाई से जुड़ा है। दो साल में तालिबान ने आईएस पर हमले कर उसकी कमर तोड़ी है। यह बदलाव पाकिसतन के लिए बुरा रहेगा। यहां और अधिक हमलों की आशंका बलवती हो गई है।