जानिए इन 10 अंधविश्वासों पर क्या कहता है साइंस

  • पूर्वजों ने सूर्यग्रहण को इसलिए खतरनाक समझा था क्योंकि इससे आंखे खराब होने का डर लगा रहता था। लेकिन लोगों ने इसे अंधविश्वास माना और सूर्यग्रहण के दिन घर से बाहर ना निकलने का नियम बनाया।

  • पुराने समय में छिपकली का शरीर पर गिरना भी अशुभ माना जाता था इसका एक कारण यह है कि छिपकलियां जहरीली होती है जब वह किसी व्यक्ति के शरीर के ऊपर गिरती है तो अपने बचाव के जहर छोड़ती हैं।

  • पूर्वजों का मानना था कि पृथ्वी का मानव शरीर के साथ चुंबकीय संबंध होता है। जिस कारण उन्होंने लोगों को दक्षिण की ओर सिर करने को कहा क्योंकि उत्तर की ओर सिर करके सोने से रक्तचाप और अनेक बीमारियां होती हैं। लेकिन इसे भी लोगों ने अंधविश्वास मानते हुए कहा कि उत्तर की ओर सोने से नौत हो जाती है।

  • पुराने समय में माना जाता था कि अंधेरे में नाखून काटने से चोट लग सकती है। लेकिन लोदों मे इसे अंधविश्वास माना और रात के समय नाखून काटने को मना किया।

  • हमारे पूर्वजों को प्रकाश संक्ष्लेषण के बारे में पता था जिस कारण उन्होंने लोगों को पेड़ों के नीचे सोने से मना किया लेकिन लोगों ने पीपल के पेड़ के साथ इसे जोड़ा और यह मानने लगे कि पीपल के पेड़ में भूत होते हैं।

  • पुराने समय में बिजली ना होने के कारण रात में झाड़ू लगाने से महत्वपूर्ण चीजें खोने का डर रहता था लेकिन लोगों ने इसे अंधविश्वास माना और सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से मना कर दिया।

  • पुराने समय में नींबू और मिर्च को अच्छा माना जाता था लोग इसका इस्तेमाल शादियों में करते थे लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने इसे अंधविश्वास माना और नींबू मिर्च को बूरी नजर से बचाने का प्रतीक माना।

  • दही में चीनी डालकर खाने से यह शरीर में ग्लूकोज का काम करता है। लेकिन लोगों ने इसे अंधविश्वास माना और दही चीनी को शुभ माना है।

  • ऐसा माना जाता है कि नदी में सिक्का फेंकने से मन्नत पूरी होती हैं। जबकि ऐसा कुछ नहीं हैं पुराने समय में पीतल के सिक्के हुआ करते थे। पीतल पानी को साफ करता है और इससे सभी कीटाणु मर जाते हैं। उस समय लोगों को नदियों से ही पानी मिलता था जिसे पीने से वह स्वस्थ रहते थे। लेकिन आज के समय में सिक्के स्टेनलेस स्टील के बने होते हैं। जिनका नदी में कोई असर नहीं होता।

  • पहले समय में जब लोगों के पास बिमारियों से बचने का कोई उपचार नहीं था तो उस समय पर किसी के मरने के बाद स्नान किया जाता था ताकि बाकी लोगों को बिमारियां ना फैले लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने इस नियम को अंधविश्वास मान लिया।