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Hindi News हरियाणा मोनू मानेसर के खिलाफ हत्या का केस गुरुग्राम सेशन कोर्ट को सौंपा गया, 3 संदिग्ध अभी भी फरार

मोनू मानेसर के खिलाफ हत्या का केस गुरुग्राम सेशन कोर्ट को सौंपा गया, 3 संदिग्ध अभी भी फरार

हत्या की कोशिश के मामले में आरोपी मोनू मानेसर के मामले की सुनवाई पटौदी की कोर्ट में चल रही थी जिसे अब जज ने गुरुग्राम सेशन कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है।

Monu Manesar News, Monu Manesar Latest, Haryana News- India TV Hindi Image Source : TWITTER/@MONUMANESAR मोनू मानेसर।

गुरुग्राम: हरियाणा के गुरुग्राम में पटौदी की एक कोर्ट ने कथित गोरक्षक मोनू मानेसर के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला बुधवार को गुरुग्राम सेशन कोर्ट को सौंप दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को गुरुग्राम सेशन कोर्ट में होगी। मोनू मानेसर के वकील कुलभूषण भारद्वाज ने कहा कि मामले के संबंध में पटौदी पुलिस ने मोनू मानेसर और सह आरोपी सुनील उर्फ सुल्ली के खिलाफ शनिवार को पटौदी अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। बता दें कि इस मामले में 3 संदिग्ध अभी भी फरार चल रहे हैं।

‘जज ने सुनवाई के दौरान मामले को सेशन कोर्ट को सौंपा’

मोनू के वकील कुलभूषण भारद्वाज ने कहा,'आज (बुधवार) भोंडसी जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान चीफ जूडिशल मजिस्ट्रेट तरन्नुम खान की कोर्ट ने मामले को सत्र अदालत को सौंप दिया। मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को गुरुग्राम के सेशन कोर्ट में होगी।' पटौदी थाना प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि आरोपी ललित और राकेश को गुरुग्राम पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। उन्होंने बताया कि आरोपी सुनील उर्फ सुल्ली, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जांच में शामिल हुआ था।

‘फरार अपराधियों की गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है’

राकेश कुमार ने बताया कि इस मामले में मानेसर निवासी मोहित उर्फ मोनू यादव वॉन्टेड था लेकिन उसे भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने बताया, 'हमने शनिवार को मोनू मानेसर और सुनील उर्फ सुल्ली के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। मामले में तीन अन्य संदिग्ध अभी भी फरार हैं और हम उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास कर रहे हैं।' मोनू मानेसर का नाम नासिर और जुनैद की हत्या के मामले में उछला था, जिनके जले हुए शव 16 फरवरी को राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर एक गाड़ी में पाए गए थे। आरोप हैं कि कुछ कथित गौरक्षकों ने उन पर गाय की तस्करी का आरोप लगाते हुए उन्हें अगवा कर लिया था।