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Hindi News हेल्थ क्या आपको भी हो सकता है ब्रेन स्ट्रोक?... ऐसे पता लगाकर बचा सकते हैं जिंदगी

क्या आपको भी हो सकता है ब्रेन स्ट्रोक?... ऐसे पता लगाकर बचा सकते हैं जिंदगी

Risk of Brain Stroke: अनियमित दिनचर्या असंतुलित खानपान और बिगड़ती जीवनशैली के चलते ब्रेन स्ट्रोक के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। पहले आमतौर पर यह बीमारी 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में ही देखने को मिलती थी, लेकिन अब यह समस्या आम हो चुकी है।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : FILE प्रतीकात्मक फोटो

Risk of Brain Stroke: अनियमित दिनचर्या असंतुलित खानपान और बिगड़ती जीवनशैली के चलते ब्रेन स्ट्रोक के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। पहले आमतौर पर यह बीमारी 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में ही देखने को मिलती थी, लेकिन अब यह समस्या आम हो चुकी है। भागमभाग वाली जिंदगी में अब युवा भी तेजी से ब्रेन स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं। विभिन्न वजहों से जब दिमाग में खून पहुंचाने वाली नसों में रुकावट हो जाती है तो इससे रक्त आगे नहीं बढ़ पाता और स्ट्रोक हो जाता है।

ऐसे में सभी के लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क कब, क्यों और किसे अधिक होता है। फोर्टिस अस्पताल में ब्रेन और स्पाइन सर्जरी के डायरेक्टर व पीजीआइ चंडीगढ़ के पूर्व कंसलटेंट डॉ राहुल गुप्ता के अनुसार कुछ कारण और लक्षण ऐसे हैं जिसके बारे में जानकर आप भी पता लगा सकते हैं कि ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क किसे कितना है। साथ ही कुछ अहम उपाय अपना कर आप अपना बचाव भी कर सकते हैं।

ऐसे लगाएं पता (कारण)

  • आपका बीपी अचानक खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है तो ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क ज्यादा है।
  • यदि आप स्मोकिंग करते हैं या शराब और नशे के आदी हैं तो भी ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क ज्यादा है।
  • आप देर रात तक जागते हैं। मोबाइल, लैपटॉप पर रात भर चिपके रहते हैं। तो भी रिस्क ज्यादा है।
  • यदि आप फास्ट फूड और जंक फूड लेते हैं, खानपान में अधिक तेल,मसाला इत्यादि का सेवन करते हैं तो भी रिस्क ज्यादा है।
  • आप रोजाना जॉगिंग, योगा या एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो भी रिस्क ज्यादा है।
  • आप शुगर और बीपी के मरीज हैं और इस पर नियंत्रण नहीं रख पाते तो भी रिस्क ज्यादा है।

लक्षण

  • आवाज का बदल जाना या मुंह का टेढ़ा होना
  • शरीर के किसी अंग में (चेहरे, हाथ या पैर में खासकर किसी एक तरफ) शून्यता महसूस होना।
  • बार-बार दिमाग में भ्रम पैदा होना
  • चलने में परेशानी होना या चक्कर आना, बेहोशी आना इत्यादि इसके लक्षण हो सकते हैं।

ऐसे होता है स्ट्रोक
डॉ राहुल गुप्ता कहते हैं कि आज के युवाओं की जिंदगी भागदौड़ और देर रात तक जागने, अत्यधिक स्ट्रेस लेने, स्मोकिंग करने, एक्सरसाइज ना करने इत्यादि की हो चुकी है। डायबिटीज, हाइपरटेंशन, स्मोकिंग, खान-पान में गड़बड़ी, लिपिड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से ब्लड वेसेल्स पतली हो जाती हैं और उसके अंदर चर्बी जमा हो जाती है। उसकी वजह से ब्ल़ड वेसेल्स जाम हो जाती हैं। ऐसे में खून आगे नहीं जा पाता। कुछ लोगों में यदि हार्ट की प्रॉब्लम है तो हार्ट के अंदर खासकर के एट्रील फिब्रीलेशन है तो हार्ट में जो ब्लड है, उसमें छोटो-छोटे गुच्छे या क्लॉट बन जाते हैं और यदि वो गलती से ब्रेन की ओर चले गए तो ब्रेन की ब्लड वेसेल्स उसकी साइज के अनुसार ब्लॉक हो जाती है। इससे आगे ब्लड की सप्लाई नहीं जाती। इससे स्ट्रोक हो जाता है। यह युवा लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है। 85 फीसदी स्कीमिक स्ट्रोक की वजह उक्त दिक्कतें ही हैं। क्योंकि यह लाइफस्टाइल डिजीज है।

बरतें यह सावधानी
स्कीमिक ब्रेन स्ट्रोक में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज सबसे ज्यादा कॉमन है। खाने-पीने में लापरवाही या अनाप- सनाप तरीके से फास्टफूड और प्रीजर्वेटिव फूड खाते हैं और देर रात तक जागने से आपकी नींद पूरी नहीं होती तो यह सब हाईपरटेंशन, स्ट्रेस और अन्य बीमारियों का कारण बनता है। इससे ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। ऐसे लोगों में कई बार बीपी का स्तर अचानक बहुत अधिक ऊपर नीचे हो जाता है। इसलिए भी स्ट्रोक हो सकता है। बचने के लिए नियमित एक्सरसाइज करें, खानपान दुरुस्त रखें, 35 वर्ष के ऊपर आयु होने पर 3 महीने पर नियमित शारीरिक जांच कराएं। दिक्कत होने पर ऐसे अस्पताल जाएं जहां एक अच्छा न्यूरो सर्जन, न्यूरोलॉजिस्ट, एमआरआई, सीटी स्कैन, एंजियोग्राफी युक्त कैथलैब इत्यादि सुविधाएं मौजूद हों।

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