A
Hindi News भारत राष्ट्रीय कोरोना ने 577 बच्चों से छीन लिए माता-पिता, क्या सरकार करेगी देखभाल?

कोरोना ने 577 बच्चों से छीन लिए माता-पिता, क्या सरकार करेगी देखभाल?

कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरे लहर में 577 बच्चों के माता-पिता की मौत हो गई। ऐसे में यह सभी बच्चे अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।

कोरोना ने 577 बच्चों से छीन लिए माता-पिता, क्या सरकार करेगी देखभाल?- India TV Hindi Image Source : PTI कोरोना ने 577 बच्चों से छीन लिए माता-पिता, क्या सरकार करेगी देखभाल?

नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरे लहर में 577 बच्चों के माता-पिता की मौत हो गई। ऐसे में यह सभी बच्चे अपने परिवार के साथ  रह रहे हैं। अब महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इन बच्चों की देखभाल के लिए राज्य सरकारों के साथ संपर्क कर रहा है। समाचार एजेंसी ANI ने मंगलवार को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी।

समाचार एजेंसी ने सूत्रों हवाले से ट्वीट किया, "कोरोना की दूसरी लहर में 577 बच्चों ने अपने माता-पिता खो दिए। यह सब अपने सगे परिवार के साथ रह रहे हैं। इन बच्चों की देखभाल के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, राज्य सरकारों के साथ संपर्क में है।"

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए उत्तराखंड सरकार का फैसला

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हाल ही में कोविड-19 महामारी के चलते अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के लिये शिक्षा और रोजगार की एक योजना की घोषणा की। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ऐसे बच्चों को 21 साल की आयु तक मुख्यमंत्री वात्सल्य नामक योजना के तहत प्रतिमाह 3 हजार रुपये का भत्ता प्रदान किया जाएगा। 

बयान के अनुसार, राज्य सरकार उनकी शिक्षा का भी ध्यान रखेगी और इस योजना के तहत उनके लिये सरकारी नौकरी में पांच प्रतिशत कोटा रखा जाएगा। वहीं, इसके अलावा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी कोरोना वायरस महामारी के कारण अनाथ और निराश्रित हुए बच्चों के लिए नई नीति लाने वाली है। राज्य सरकार ने 19 मई को यह फैसला लिया।

UP में योगी सरकार भी बना रही है योजना

उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि ऐसे बच्चे जो अनाथ और निराश्रित हो गये हैं, वह राज्य की संपत्ति हैं। सरकारी योजना के तहत कोरोना वायरस के कारण जिन बच्चों के माता-पिता की मौत हो गई है, उनके भरण-पोषण सहित सभी तरह की जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराई जाएगी। राज्य सरकार जल्द ही इस योजना के तहत बच्चों की देखभाल का जिम्मा उठाएगी।

महिला एवं बाल विकास विभाग को इस संबंध में तत्काल विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। जैसे ही महिला एवं बाल विकास विभाग कार्ययोजना तैयार की जाएगी, वैसे ही इसे लागू करने का भी कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

Latest India News