नई दिल्ली: दिल्ली के करीब 60 पर्सेंट लोग खुद को इस शहर में असुरक्षित महसूस करते हैं जबकि 64 पर्सेंट लोगों में सफर करते समय असुरक्षा की भावना रहती है। मुंबई में यह आंकड़ा दिल्ली के मुकाबले बेहद कम क्रमश: 29 और 31 है। एक गैर सरकारी संगठन (NGO) द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में यह बात पता चली।
देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
प्रजा फाउंडेशन द्वारा जारी किए गए दिल्ली में पुलिस एवं कानून-व्यवस्था की स्थिति से जुड़े श्वेतपत्र के अनुसार करीब 67 पर्सेंट लोगों को लगता है कि महिलाएं, बच्चे एवं वरिष्ठ नागरिक अपने खुद के इलाके में सुरक्षित नहीं है जबकि 25 पर्सेंट लोगों ने कहा कि वे किसी घटना के बाद पुलिस को सूचना नहीं देते। शहर में 2014 में बलात्कार के 2,075 मामले सामने आए थे जो 2015 में बढ़कर 2,338 हो गए।
साथ ही सर्वेक्षण में बताया गया कि शहर में हर दिन बलात्कार की 6 घटनाएं होती हैं। इसमें कहा गया कि 2015 में सामने आए बलात्कार के करीब 40 पर्सेंट मामलों में पीड़िता नाबालिग थी। जहां 2015 में दिल्ली पुलिस के खिलाफ 12,913 शिकायतें दर्ज की गयीं, वहीं केवल 7 मामलों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए गए। सर्वेक्षण के अनुसार इस साल 1,057 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई।
जहां दिल्ली के 67 पर्सेंट लोगों को लगता है कि महिलाएं, बच्चे एवं वरिष्ठ नागरिक अपने खुद के इलाके में सुरक्षित नहीं है, वहीं मुंबई में ऐसे 33 पर्सेंट लोग थे जिन्होंने यह बात कही। इसमें कहा गया कि पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में करीब 75 पर्सेंट लोगों ने कहा कि वह अपने इलाके में महिलाओं, बच्चों एवं वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षित नहीं मानते।
एनजीओ द्वारा 29,950 घरों में सर्वेक्षण कर जमा किए गए आंकड़े के अनुसार करीब 25 पर्सेंट लोग जो पीड़ित रहे हैं, पुलिस से संपर्क नहीं करते क्योंकि उनका पुलिस या कानूनी व्यवस्था में विश्वास नहीं है, इसके उलट मुंबई में ऐसे 13 पर्सेंट लोग थे जिन्होंने यह बात कही। पुलिस से शिकायत करने वाले लोगों में से 29 पर्सेंट ने पुलिस की प्रतिक्रिया पर संतोष जताया।
Latest India News