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Hindi News भारत राष्ट्रीय कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भड़की AAP, लगाया BJP के CM की तरह बर्ताव करने का आरोप

कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भड़की AAP, लगाया BJP के CM की तरह बर्ताव करने का आरोप

किसानों के मामले को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भाजपा के मुख्यमंत्री की तरह बर्ताव करने का आरोप लगाया है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भड़की AAP, लगाया BJP के CM की तरह बर्ताव करने का आरोप- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भड़की AAP, लगाया BJP के CM की तरह बर्ताव करने का आरोप

नई दिल्ली: किसानों के मामले को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भाजपा के मुख्यमंत्री की तरह बर्ताव करने का आरोप लगाया है। AAP नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा, "ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के किसानों की आवाज दबा के केंद्र सरकार और कांग्रेस राजनीति कर रही है। कल कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के नेताओं से मिलते हैं, जो कहने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री हैं और बीजेपी का बचाव करते हैं।"

मनीष सिसोदिया ने आगे कहा, "वह (कैप्टन अमरिंदर सिंह) पंजाब के किसानों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बता रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री आज ​भाजपा के मुख्यमंत्री की तरह व्यवहार कर रहे हैं।" ऐसा ही बयान शुक्रवार को AAP नेता और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी दिया। सत्येंद्र जैन ने भी कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भाजपा के मुख्यमंत्री की तरह बर्ताव करने का आरोप लगाया है।

सत्येंद्र जैन ने कहा, "कल कैप्टन साहब (कैप्टन अमरिंदर सिंह) दिल्ली आए थे तो ऐसे बिहेव (बर्ताव) कर रहे थे जैसे BJP के CM हों। कल चुपचाप अमित शाह से मिलकर चले गए, किसानों की कोई बात नहीं हुई, बस ये बात हुई कि किसानों के धरने को कैसे तोड़ा जाए। अगर किसानों की मांगें मनवाने की कोई बात हुई होती तो कल फैसला हो जाता।"

गौरतलब है कि जिन कानूनों को लेकर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वे कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम- 2020, कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम- 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम- 2020 हैं।

किसानों की अहम मांग तीनों नए कानूनों को वापस लेने की है, जिनके बारे में उनका दावा है कि ये कानून उनकी फसलों की बिक्री को विनियमन से दूर करते हैं। किसान संगठन इस कानूनी आश्वासन के बाद मान भी जायेंगे कि आदर्श रूप से इन कानूनों में एक संशोधन के माध्यम से एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी।

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