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Hindi News भारत राष्ट्रीय तीसरी लहर की चपेट में आएंगे ज्यादा बच्चे? AIIMS के सीरो सर्वे में सामने आई बड़ी बात

तीसरी लहर की चपेट में आएंगे ज्यादा बच्चे? AIIMS के सीरो सर्वे में सामने आई बड़ी बात

देश की राजधानी में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के नेतृत्व में देश के 5 अस्पतालों द्वारा किए जा रहे सीरो सर्वे के अंतरिम रिपोर्ट आ गई है।

AIIMS Sero Survey, AIIMS Sero Survey Children, AIIMS Sero Survey Children Covid- India TV Hindi Image Source : PTI REPRESENTATIONAL AIIMS के नेतृत्व में देश के 5 अस्पतालों द्वारा किए जा रहे सीरो सर्वे के अंतरिम रिपोर्ट आ गई है।

नई दिल्ली: देश की राजधानी में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के नेतृत्व में देश के 5 अस्पतालों द्वारा किए जा रहे सीरो सर्वे के अंतरिम रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कोरोना की दूसरी लहर में वयस्कों के साथ-साथ बच्चे भी बड़ी संख्या में संक्रमित हुए। हालांकि AIIMS ने तीसरी लहर में ज्यादा बच्चों के संक्रमण की चपेट में आने की आशंकाओं को खारिज कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, 2 साल 17 साल की उम्र के 55.7 फीसदी बच्चों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडी पाई गई है। वहीं, वयस्क आबादी में 63.5 लोगों में इस वायरस की एंटीबॉडी मिली।

55.7 फीसदी बच्चों में मिला संक्रमण
सीरो सर्वे से यह साफ है कि जिन लोगों की जांच की गई उनमें से 55.7 फीसद बच्चे व 63.5 फीसद वयस्क कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आकर ठीक भी हो चुके हैं। वहीं, कोरोना से ठीक होने वाले बच्चों और वयस्कों के प्रतिशत में भी बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। इस सर्वे में एक बात यह भी पता चली कि सीरो पॉजिटिव पाए गए बच्चों में 76.92 फीसदी में संक्रमण का कोई लक्षण नहीं था। इस स्टडी के आधार पर AIIMS ने तीसरी लहर के बच्चों के लिए अधिक घातक होने की आशंका को खारिज कर दिया है।

700 बच्चों को किया गया शामिल
ये नतीजे 4,509 भागीदारों के मध्यावधि विश्लेषण पर आधारित हैं। इनमें 2 से 17 साल के आयु समूह के 700 बच्चों को, जबकि 18 या इससे अधिक आयु समूह के 3,809 व्यक्तियों को शामिल किया गया। ये लोग पांच राज्यों से लिये गये थे। आंकड़े जुटाने की अवधि 15 मार्च से 15 जून के बीच की थी। इन्हें पांच स्थानों से लिया गया, जिनमें दिल्ली शहरी पुनर्वास कॉलोनी, दिल्ली ग्रामीण (दिल्ली-एनसीआर के तहत फरीदाबाद जिले के गांव), भुवनेश्वर ग्रामीण क्षेत्र, गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र और अगरतला ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं।

10 साल से ज्यादा के बच्चे अधिक प्रभावित
बता दें कि एम्स द्वारा किए जा रहे इस सर्वे में शहरी और ग्रामीण, दोनों इलाकों के लोगों को शामिल किया गया है। कोरोना का असर जांचने के लिए कुल 10 हजार लोगों के सैंपल पर स्टडी हो रही है। शहरी क्षेत्र के रूप में दिल्ली से सैंपल लिए गए हैं जबकि ग्रामीण इलाकों के सैंपल हरियाणा के फरीदाबाद के बल्लभगढ़, ओडिशा के भुवनेश्वर, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर व त्रिपुरा के अगरताला से लिए गए हैं। एम्स के नेतृत्व में किए गए इस सर्वे में पाया गया कि 10 साल से अधिक उम्र के बच्चे अधिक संक्रमित हुए हैं क्योंकि वे घरों से बाहर भी निकलते हैं।

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