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Hindi News भारत राष्ट्रीय दिवाली से पहले ही दिल्ली बन गई गैस चैंबर, प्रदूषण के रेड ज़ोन में राजधानी

दिवाली से पहले ही दिल्ली बन गई गैस चैंबर, प्रदूषण के रेड ज़ोन में राजधानी

दिल्ली का आनंद विहार सबसे ज्यादा प्रदूषित हो चुका है। यहां पर पिछले दस दिनों में हवा आठ गुना ज्यादा ज़हरीली हो चुकी है। यहां प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक हो गया है कि पीएम-2.5 का स्तर 275 जबकि पीएम-10 का स्तर 820 तक पहुंच गया है। विज्ञान की भाषा में आ

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नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली की आवोहवा दिवाली से पहले ही हवा ज़हरीली हो चुकी है। दिल्ली में सांस लेना तक भी मुश्किल होता जा रहा है। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने सख्त कदम उठाते हुए दिल्ली के अंदर डीज़ल जेनरेटर पर बैन लगा दिया है। कमेटी ने बदरपुर पावर प्लांट को भी बंद कर दिया है और अगर ज़रूरत पड़ी तो और सख्त कदम भी उठाये जा सकते हैं। हरियाणा और पंजाब के खेतों में जल रही पराली का धुंआ जहां दिल्ली की हवा को ज़हरीला बना रहा है वहीं मौसम में आई नमी ने हवा को रोक कर हालात और खराब कर दिए हैं। ये भी पढ़ें: मिल गया आरुषि का असली 'हत्यारा'!

धुएं का रेड ज़ोन दिल्ली

  • आनंद विहार, पंजाबी बाग और मंदिर मार्ग इलाके में सबसे ज्यादा प्रदूषण
  • दिल्ली में हवा की स्पीड 0.3 मीटर प्रति सेंकड से भी कम हुई
  • मौसम की नमी की वजह से प्रदूषण के कण हवा में अटके
  • 20 अक्टूबर को दिल्ली की हवा और नम हो जाएगी
  • हवा में ज्यादा नमी से प्रदूषण का लेवल और ज्यादा बढ़ जाएगा
  • पंजाब और हरियाणा से पराली का घुआं दिल्ली की हवा में घुला
  • गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण ने भी दिल्ली की हवा को ज़हरीला बनाया
  • दिवाली के पटाखों से हवा में प्रदूषण बढ़ने की आशंका

दिल्ली का आनंद विहार सबसे ज्यादा प्रदूषित हो चुका है। यहां पर पिछले दस दिनों में हवा आठ गुना ज्यादा ज़हरीली हो चुकी है। यहां प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक हो गया है कि पीएम-2.5 का स्तर 275 जबकि पीएम-10 का स्तर 820 तक पहुंच गया है। विज्ञान की भाषा में आनंद विहार दिल्ली का डेंजर ज़ोन बन गया है।

वहीं पंजाबी बाग दिल्ली के दूसरे सबसे प्रदूषित इलाके में आ गया है। यहां पर प्रदूषण का स्तर आनंद विहार से थोड़ा कम खतरनाक है लेकिन सांस लेना यहां पर भी दूभर हो गया है। ये इलाका पश्चिमी दिल्ली में आता है। हरियाणा यहां से नज़दीक है और हवाओं का रुख इस वक्त हरियाणा से दिल्ली की तरफ है। यही वजह है कि पराली का धुआं पश्चिमी दिल्ली में पहुंच रहा है। पंजाबी बाग में पीएम-2.5 प्रदूषण का स्तर 238 और पीएम-10 का स्तर 599 तक पहुंच गया है। मानकों के मुताबिक हवा में पीएम-10 का स्तर 100 जबकि पीएम 2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

दिल्ली में हर तरफ से धुंआ बढ़ रहा है, हरियाणा और पंजाब में किसान पराली जला रहे हैं जिसकी वजह से धुआं आ रहा है, दीवाली की वजह से सड़क पर गाड़ियां बढ़ गई हैं और उनका धुआं भी जानलेवा साबित हो रहा है। तीसरी वजह है मौसम, हवाएं थोड़ा ठंही हुई है जिसकी वजह से नमी है। दिल्ली की हवा में नमी बढ़ने की वजह से हवा ऊपर की तरफ नहीं जा रही है। हवा की गति भी 0.3 सेकंड से कम है इसलिये जो प्रदूषण हो रहा है वो हवा के साथ नहीं बह रहा बल्कि दिल्ली में ही जमा होता जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक 20 अक्टूबर को स्थिति और खतरनाक हो सकती है।

पिछले साल भी दिवाली के ठीक अगले दिन धुंध की मोटी परत बन गई थी जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। अभी से दिल्ली की हवा ज़हरीली हो गई है, दिवाली के पटाखों का धुंआ अभी इस हवा में भरना बाकी है। उससे हालात और खतरनाक हो जाएंगे। हवा में प्रदूषण इसलिये भी थमा रहता है क्योंकि हवा की गति कम हो जाती है। अगर हवा बहती रहे तो वो प्रदूषण को भी अपने साथ बहा कर ले जाती है लेकिन दिल्ली का मौसम कुछ इस तरह का होने वाला है कि यहां पर हवा के बहने की स्पीड कम हो जाएगी और ये शहर एक गैस चैंबर बन जाएगा।

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