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Hindi News भारत राष्ट्रीय अलवर मॉब लिंचिंग: रकबर को पुलिस ने मारा या भीड़ ने, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत पर बड़ा खुलासा

अलवर मॉब लिंचिंग: रकबर को पुलिस ने मारा या भीड़ ने, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत पर बड़ा खुलासा

वारदात के दौरान मौके पर मौजूद लोगों का दावा है कि पुलिस की पिटाई से रकबक की मौत हुई। इस बीच मॉब लिंचिंग का शिकार हुए रकबर की आखिरी तस्वीर सामने आई है। ये तस्वीर उस वक्त की है जब पुलिस रकबर को हिरासत में लेकर थाने पहुंची थी। इस तस्वीर में रकबर स्वस्थ दिख रहा है।

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नई दिल्ली: राजस्थान के अलवर में रकबर की मौत पर संसद से सड़क तक हंगामा हो रहा है। संसद में आज मॉब लिंचिंग के खिलाफ टीएमसी ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने काम रोककर चर्चा कराने का नोटिस दिया है। वहीं अलवर में मुस्लिम समाज के लोग सड़क पर उतरे हैं। इसी बीच रकबर की आज पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि रकबर के शरीर पर चोट के 12 निशान थे। एक हाथ-एक पैर और पसलियां टूटी हुईं मिलीं।

वहीं वारदात के दौरान मौके पर मौजूद लोगों का दावा है कि पुलिस की पिटाई से रकबक की मौत हुई। इस बीच मॉब लिंचिंग का शिकार हुए रकबर की आखिरी तस्वीर सामने आई है। ये तस्वीर उस वक्त की है जब पुलिस रकबर को हिरासत में लेकर थाने पहुंची थी। इस तस्वीर में रकबर स्वस्थ दिख रहा है। चश्मदीदों ने पुलिस पर पिटाई के गंभीर आरोप लगाए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रकबर की मौत पिटाई से हुई है। उसके शरीर के कई हिस्सों में चोट के निशान मिले हैं। इतना ही नहीं उसके एक हाथ-पैर की हड्डी भी टूटी मिली है।

दरअसल, अब इल्जाम ये है कि भीड़ ने रकबर को गो-तस्कर बताकर पीटा जरूर था लेकिन उसकी मौत पुलिस कस्टडी में लापरवाही के कारण हुई। पुलिस की लापरवाही को इस बात से भी समझ सकते हैं कि पुलिसवालों ने रकबर को हिरासत में लेने के बाद अस्पताल पहुंचाने और थाने में ले जाने से पहले रास्ते में एक जगह गाड़ी रोककर चाय भी पी थी। पुलिस पर आरोप लगा तो सरकार भी हरकत में आई। राजस्थान सरकार ने केस की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी है।

इस बीच राजस्थान पुलिस ने लापरवाही बरतने के आरोप में एक सहायक पुलिस निरीक्षक को निलंबित और तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) एन आर के रेड्डी ने संवाददाताओं को बताया कि स्थिति को समझने में गलती हुई है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि स्थिति को प्राथमिकता देने में त्रुटि हुई थी, इसलिए उस दिन के पुलिस प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है और तीन अन्य पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

इस मामले पर सियासत भी जमकर हो रही है। राहुल गांधी से लेकर ओवैसी और ममता बनर्जी तक इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार को घेरने में जुटे हैं लेकिन इन सबके बीच रकबर के परिवार के दर्द को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है। रकबर अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला था। उसके सात छोटे-छोटे बच्चे हैं। घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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