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Hindi News भारत राष्ट्रीय राहुल गांधी जब पैदा हुए होंगे तो सबने कहा होगा कि लल्ला प्रधानमंत्री बनेगा और यहां वे अमेठी भी हार गए: अमित मालवीय

राहुल गांधी जब पैदा हुए होंगे तो सबने कहा होगा कि लल्ला प्रधानमंत्री बनेगा और यहां वे अमेठी भी हार गए: अमित मालवीय

अमित मालवीय ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना बहुत दुखद है, लेकिन इस घटना के पीछे मूल क्या है? कुछ लोग किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे हैं और वो अराजक तत्व जिस प्रकार से आंदोलन कर रहे हैं, किसी भी लोकतांत्रिक देश में उस प्रकार के आंदोलन नहीं देखे गए।

अमित मालवीय, बीजेपी नेता- India TV Hindi Image Source : TWITTER/@AMITMALVIYA अमित मालवीय, बीजेपी नेता

नई दिल्ली। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इंडिया टीवी के साथ किसान आंदोलन, लखीमपुर घटना, महाराष्ट्र बंद और राजस्थान में दलित की हत्या समेत कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। अमित मालवीय ने राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव हार जाने पर सीधा निशाना साधा। साथ ही उन्होंने लखीमपुर घटना पर राहुल और प्रियंका के जाने और राजस्थान में दलित की पीट-पीटकर हत्या के मामले को लेकर जमकर निशाना साधा। अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी जब पैदा हुए होंगे तो उनके घर में सभी ने कहा होगा कि हमारा लल्ला प्रधानमंत्री बनेगा और यहां वे अमेठी की सीट हार गए। 

'जो लखीमपुर खीरी में हुआ वह दुखद था'

अमित मालवीय ने इंडियी टीवी के साथ बातचीत में कहा कि जो लखीमपुर खीरी में हुआ वह दुखद था, राजस्थान में पिछले 7 दिनों में दलितों और महिलाओं के साथ उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं। आप किसानों की बात करें तो राजस्थान में पुलिस ने लाठीचार्ज किया क्योंकि किसान धान का समर्थन मूल्य मांग रहे थे। महाराष्ट्र में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां पर महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ और आदिवासियों का उत्पीड़न हुआ। मैं इन घटनाओं का उल्लेख इसलिए कर रहा हूं कि जो राजनीति विपक्ष कर रहा है वह सामने आ सके। 

'क्या हिंसात्मक आंदोलन किसानों का आंदोलन हो सकता है?'

अमित मालवीय ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना बहुत दुखद है, लेकिन इस घटना के पीछे मूल क्या है? कुछ लोग किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे हैं और वो अराजक तत्व जिस प्रकार से आंदोलन कर रहे हैं, किसी भी लोकतांत्रिक देश में उस प्रकार के आंदोलन नहीं देखे गए। 26 जनवरी को दिल्ली में जिस प्रकार से एक तांडव मचाने का प्रयास हुआ, उसके बाद कई ऐसी घटनाएं हुईं जहां पर टेलिफोन टॉवर तोड़े गए, बसें जलाई गईं। सवाल यह उठता है कि क्या हिंसात्मक आंदोलन किसानों का आंदोलन हो सकता है? 

'प्रदेश सरकार को विपक्ष के नेताओं ने उलझाए रखा'

अमित मालवीय ने कहा कि लखीमपुर खीरी में 3 लोगों को भीड़ ने दौड़ा दौड़ाकर मार दिया, क्या उसकी चर्चा नहीं होनी चाहिए? उसके पीछे कौन लोग थे, क्यों सिर्फ एक ही घटना पर राजनीति की जा रही है? लखीमपुर खीरी को लेकर यह भी बड़ा सवाल उठता है। 3 लोगों की मॉब लिंचिंग के बावजूद पुलिस ने गिरफ्तारी क्यों नहीं की? जिस दिन यह घटना हुई उसके बाद किसी भी संवेदनशील सरकार की जिम्मेदारी होती है कि मारे गए लोगों के परिवार वालों को सांत्वना दे और मुआवजा दे, लेकिन प्रदेश की सरकार को विपक्ष के नेताओं ने उलझाए रखा, क्योंकि वहां पर लगातार लोग जाने का प्रयास करते रहे, ऐसे में पुलिस के सामने चुनौती बनी हुई थी। 

जानिए राकेश टिकैत के बयान को लेकर मालवीय ने क्या कहा?

अमित मालवीय ने कहा कि चाहे मंत्री का बेटा हो, चाहे वो लोग हों जिन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को लिंच करके मार दिया, दोनों पर कड़ी कार्रवाई होगी और उचित कार्रवाई होगी, जब जांच पूरी हगो जाएगी उसके बाद जो न्यायोचित होगा, वो सजा दी जाएगी। लेकिन हम क्या देखते हैं कि एक वर्ग मंत्री के बेटे पर सवाल खड़ा कर रहा है, जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मारे जाने को जायज ठहरा रहा है। राकेश टिकैत ने इसे प्रतिक्रिया बताया, क्या प्रतिक्रिया हिंसा को जस्टिफाई करती है, क्या प्रतिक्रिया लोगों को मार देना जस्टिफाई करती है, ये बड़े सवाल खड़े होते हैं। 

महाराष्ट्र सरकार पर साधा निशाना

अमित मालवीय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मंत्री का बेटा गिरफ्तार हो गया है, लेकिन महाराष्ट्र में पूर्व गृहमंत्री, जिनके खिलाफ गिरप्तारी का वारंट है वे गायब हैं। आज महाराष्ट्र में लखीमपुर को लेकर बंद बुलाया गया है, उद्धव ठाकरे और शरद पवार बताएं कि आपके पूर्व गृहमंत्री और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर कहा हैं। उत्तर प्रदेश की पुलिस और सरकार से तो सवाल पूछे जा रहे हैं लेकिन क्या महाराष्ट्र की सरकार से सवाल क्यों नहीं पूछे जा रहे, महाराष्ट्र के नेता वहां पर बंद क्यों कर रहे हैं, जब पालघर में साधू मारे गए थे तो क्या महाराष्ट्र सरकार और वहां की पार्टियों ने बंद बुलाया था? किसानों के नाम पर जो लोग बाहर निकले हैं वे कौन हैं, क्या वे किसान हैं या किसान के नाम पर आंदोलनजीवी हैं? यह बड़ा सवाल बनता है। 

राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा राजस्थान क्यों नहीं जाते?

मालवीय ने कहा कि लखीमपुर खीरी से जितने भी वीडियो सामने आए, उनमें कई ऐसे वीडियो थे जिनमें कुछ लोग गाड़ियों पर पथराव कर रहे थे तथा डंडों और लाठियों से गाड़ियों पर हमला कर रहे थे। राजस्थान में एक दलित युवक को पीट पीटकर अधमरा कर दिया, कल राजस्थान में एक दलित युवक को पीटकर मार दिया था, उससे पहले 2 महिलाओं को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया, क्यों राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा राजस्थान नहीं जाते, क्योंकि उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं, इसलिए वे वहां पहुंचे हैं। अगर आपको किसानों का इतना दर्द है कि राजस्थान की सरकार किसानों को समर्थन मूल्य क्यों नहीं दे रही है। 

क्यों राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को अचानक हिंदू बनने की याद आ गई है?

अमित मालवीय ने कहा कि राजस्थान में दलितों पर हो रहे अत्याचार और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों के विरोध में दिल्ली से भाजपा के लोग नहीं जाएंगे तो क्या तबतक अशोक गहलोत कोई कार्रवाई नहीं करेंगे क्या? क्यों राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को अचानक हिंदू बनने की याद आ गई है, पहले तो ये मुस्लमानों का तुष्टिकरण करते थे और हिंदुओं को दुत्कारते थे, आज प्रियंका गांधी दुर्गा स्तुती कर रही हैं और राहुल गांधी हिंदू बनकर मंदिर-मंदिर डोल रहे हैं, क्योंकि जनता ने इनकी राजनीति को तार तार कर दिया है, इसलिए ये अपनी राजनीति बदलने का ढोंग कर रहे हैं। जिन लोगों ने देश का दोहन किया, आज देश ने उन लोगों को इस लायक भी नहीं छोड़ा कि वे संसद में विपक्ष का दल बन सकें। 

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