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Hindi News भारत राष्ट्रीय Fact Check: क्या कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए जानलेवा हैं एनेस्थेटिक्स?

Fact Check: क्या कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए जानलेवा हैं एनेस्थेटिक्स?

कोरोना वायरस को लेकर लगातार कुछ न कुछ नया जानने व सुनने को मिलता रहता है। यह बीमारी न सिर्फ गुजरते वक्त के साथ अपना रूप बदल रही है, बल्कि इसने लोगों के दिमाग में काफी खौफ भी भर दिया है।

Fact Check, PIB Fact Check, Fact Check Coronavirus, Fact Check Anaesthetics- India TV Hindi Image Source : PIB FACT CHECK/TWITTER Fact Check: क्या कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए जानलेवा हैं एनेस्थेटिक्स?  कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया जा रहा था कि वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए एनेस्थेटिक्स जानलेवा साबित हो सकते हैं।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर लगातार कुछ न कुछ नया जानने व सुनने को मिलता रहता है। यह बीमारी न सिर्फ गुजरते वक्त के साथ अपना रूप बदल रही है, बल्कि इसने लोगों के दिमाग में काफी खौफ भी भर दिया है। इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग उल्टी-सीधी बातें सोशल मीडिया पर प्रसारित करते रहते हैं जिससे आम जनता का नुकसान होता है। एक ऐसा ही दावा सोशल मीडिया पर घूम रहा था कि कोविड का टीका लगवा चुके लोगों के लिए एनेस्थेटिक्स घातक है। हालांकि इसकी सच्चाई क्या है, यह PIB Fact Check ने अपने ट्विटर हैंडल पर बताई।

क्या है सोशल मीडिया पोस्ट में
बता दें कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया जा रहा था कि वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए एनेस्थेटिक्स जानलेवा साबित हो सकते हैं, भले ही वह लोकल या डेन्टिस्ट्स के एनेस्थेटिक्स क्यों न हों। जाहिर-सी बात है, कोरोना काल में लंबे समय तक घरों में बंद लोग इस तरह के मैसेज पर चौकन्ने होने ही थे। सोशल मीडिया पर यह संदेश सर्कुलेट होने लगा जिसके बाद पीआईबी की फैक्ट चेक टीम इस दावे की सच्चाई लेकर आई। उसने विभिन्न कारण देते हुए सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किए जा रहे इस दावे को फर्जी बताया है।


‘अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं’
PIB Fact Check ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, 'सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोविड का टीका लगवा चुके लोगों के लिए एनेस्थेटिक्स जानलेवा हो सकता है।' पीआईबी फैक्ट चेक ने इस दावे की सच्चाई जानने के बाद ट्विटर पर लिखा कि यह दावा फर्जी है। उसने लिखा कि इस दावे की पुष्टि करने के लिए आज तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है। साथ ही पीआईबी ने लोगों से अफवाहों से बचने और टीका लगवाने की अपील की।

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