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Hindi News भारत राष्ट्रीय 3 किलोमीटर लंबी नहर खोदने वाली लौंगी भुईयां को ट्रैक्टर भेंट करेंगे आनंद महिंद्रा, ट्वीट करके पूछा कैसे पहुंचें उनतक

3 किलोमीटर लंबी नहर खोदने वाली लौंगी भुईयां को ट्रैक्टर भेंट करेंगे आनंद महिंद्रा, ट्वीट करके पूछा कैसे पहुंचें उनतक

बिहार के गया में लौंगी भुईयां ने कर्मठता की मिसाल पेश करते हुए 20 साल में पांच किलोमीटर लंबी नहर खुद ही खोद डाली। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा इन लौंगी भुईया से इतने प्रभवित हुए की उन्होनें इनके लिए ईनाम की घोषणा कर दी।

Anand Mahindra- India TV Hindi Image Source : FILE Anand Mahindra

पटना: बिहार के गया में लौंगी भुईयां ने कर्मठता की मिसाल पेश करते हुए 20 साल में पांच किलोमीटर लंबी नहर खुद ही खोद डाली। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा इन लौंगी भुईया से इतने प्रभवित हुए की उन्होनें  इनके लिए ईनाम की घोषणा कर दी। उन्होनें लिखा कि जैसा कि आप जानते हैं, मैंने ट्वीट किया था कि मुझे लगता है कि उनकी नहर ताज या पिरामिडों के समान प्रभावशाली है। हम @MahindraRise पर इसे एक सम्मान मानते हैं। हम उन्हें ट्रैक्टर भेंट करना चाहते हैं। उन तक किस तरह पहुंचा जाए।

आनंद महिंद्रा ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा था, ''कई शानदार स्मारक बनाए गए हैं, जिनमें दशकों से पसीना और कठिन परिश्रम शामिल है। मेरे लिए, यह विनम्र नहर पिरामिड या ताज से कम शानदार नहीं है।'' आपको बता दें कि लौंगी भुईयां ने बीस वर्षों में इमामगंज और बांकेबाजार प्रखंड की सीमा पर पांच किलोमीटर लंबी, चार फीट चौड़ी व तीन फीट गहरी नहर खोद दी। 

इससे पहले ट्विटर पर एक यूजर ने लौंगी भुईयां की फोटो शेयर करते हुए लिखा था कि गया के लौंगी भुईंया ने अपनी जिंदगी के कई वर्ष लगाकर नहर खोद दी। उन्हें कुछ नहीं चाहिए, सिवाए एक ट्रैक्टर के। यूजर ने लिखा ''मेरी आनंद महिंद्रा से मांग है कि वो लौंगी को सम्मानिक करें, इससे उन्हें गर्व महसूस होगा। इस पर आनंद महिंद्र ने लिखा, लौंगी की नहर ताज महल से कम नहीं है। हमें लैंगी को ट्रैक्टर देने में गर्व महसूस होगा, बताएं कैसे आपतक पहुंचा जाए।''

पीएम मोदी ने कोसी रेल महासेतु राष्ट्र को किया समर्पित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘ऐतिहासिक’ कोसी रेल महासेतु को राष्ट्र को समर्पित किया और बिहार के रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए 12 रेल परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज बिहार में रेल संपर्क बहाल करने के क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया है और ये परियोजनाएं राज्य में व्यापार, कारोबार, उद्योग, रोजगार को भी बढ़ावा देने वाली हैं। 

वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से आयोजित इस समारोह में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय ने भी हिस्सा लिया। इन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आज बिहार में रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया है। कोसी महासेतु और किउल ब्रिज के साथ ही बिहार में रेल यातायात, रेलवे के बिजलीकरण और रेलवे में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने, नए रोजगार पैदा करने वाली एक दर्जन परियोजनाओं का आज लोकार्पण और शुभारंभ हुआ है।’’ 

उन्होंने कहा कि लगभग 3000 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं से बिहार का रेल नेटवर्क तो सशक्त होगा ही पश्चिम बंगाल और पूरे भारत का रेल संपर्क भी मजबूत होगा। कोसी महासेतु को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की परिकल्पना बताते हुए मोदी ने कहा कि यह नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। 

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