GST परिषद की बैठक आज से, टैक्स की दर पर निर्णय 20 अक्टूबर को
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 3 दिन की महत्वपूर्ण बैठक शुरू होगी, जिसमें जीएसटी दर पर फैसला किया जाना है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 3 दिन की महत्वपूर्ण बैठक शुरू होगी, जिसमें जीएसटी दर पर फैसला किया जाना है। अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में व्यापक बुनियादी सुधार के प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को एक अप्रैल 2017 से लागू करने का लक्ष्य है।
जीएसटी परिषद इस बैठक में राज्यों को नई प्रणाली में राजस्व हानि पर क्षतिपूर्ति के फार्मूले जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान तय करेगी। वित्त मंत्रालय ने परिषद में सभी मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए 22 नवंबर की समयसीमा निर्धारित की है। ऐसे में यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है।
जीएसटी की दर निर्धारित किए जाने की दृष्टि से लोगों की इस पर निगाह है, क्योंकि कर की दरें लोगों की जिंदगी को प्रभावित करती हैं। पिछले महीने जीएसटी परिषद की बैठक में क्षेत्र आधारित छूट को अंतिम रूप दिया गया था। यह निर्णय मुख्यत: पूर्वोत्तर क्षेत्र के और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों के कुल 11 राज्यों में GST के दायरे से बाहर रखे जाने वाली इकाइयों की कारोबार की सीमा से संबंधित था।
जीएसटी परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य हैं। परिषद की मंगलवार की बैठक में केंद्र द्वारा नई व्यवस्था में 11 लाख सेवा कर देने वाले को अपने जिम्मे रखने के जटिल मुद्दे पर भी विचार किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति बनाने की कोशिश करेगा, ताकि उसके बाद केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) तथा समन्वित जीएसटी (आईजीएसटी) को 16 नवंबर से शुरू संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके।
पिछले साल मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मणियम की अध्यक्षता वाली समिति ने अधिकतर वस्तुओं और सेवाओं के लिए जीएसटी की मानक दर 17 से 18 प्रतिशत रखने का सुझाव दिया था, जबकि कम कर वाली वस्तुओं पर जीएसटी 12 प्रतिशत और कार, पान मसाला और तंबाकू जैसी विलासिता की वस्तुओं पर 40 प्रतिशत मानक दर प्रस्ताव किया था. मूल्यवान धातुओं पर 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में दर की सिफारिश की गई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले सप्ताह कहा था कि जीएसटी मसौदे में पर्यावरण के हिसाब से प्रतिकूल उत्पादों पर कर अन्य से 'अलग' होगा। राज्यों को राजस्व नुकसान के ऐवज में केंद्र की तरफ से दिए जाने वाले मुआवजे के फार्मूले के बारे में भी विचार किया जाएगा। पहली बैठक में 3-4 विकल्पों पर चर्चा की गई, लेकिन आम सहमति नहीं बन सकी।