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Hindi News भारत राष्ट्रीय निशाने पर चीन, मालाबार युद्धाभ्यास में शामिल होगा ऑस्ट्रेलिया

निशाने पर चीन, मालाबार युद्धाभ्यास में शामिल होगा ऑस्ट्रेलिया

इसका प्रभावी अर्थ यह हुआ कि क्वॉड के सभी सदस्य इस महा अभ्यास में शामिल होंगे। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में अगले महीने होने वाले वार्षिक युद्धाभ्यास में अमेरिका और जापान अन्य देश हैं जो शामिल होंगे।

Australia joins Indian Navy's Malabar exercise, after US, Japan- India TV Hindi Image Source : PTI Australia joins Indian Navy's Malabar exercise, after US, Japan

नयी दिल्ली: लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच भारत ने सोमवार घोषणा की कि आगामी मालाबार युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया भी शामिल होगा। पिछले चार दशकों में बीजिंग और नई दिल्ली के बीच सीमा पर सबसे खराब तनाव में हुए हुए हैं। ऐसे में पहली बार क्षेत्रीय समूह के सभी सदस्य जिन्हें क्वाड के रूप में जाना जाता है, उनके साथ नौसैनिक अभ्यास के लिए ऑस्ट्रेलिया को इसमें शामिल करने का निर्णय लिया गया।

इसका प्रभावी अर्थ यह हुआ कि क्वॉड के सभी सदस्य इस महा अभ्यास में शामिल होंगे। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में अगले महीने होने वाले वार्षिक युद्धाभ्यास में अमेरिका और जापान अन्य देश हैं जो शामिल होंगे। भारत द्वारा नौसेना युद्धाभ्यास में शामिल होने के ऑस्ट्रेलियाई अनुरोध को ऐसे समय स्वीकार किया गया जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा को लेकर तनाव बढ़ रहा है।

रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘भारत समुद्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है और ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की पृष्ठभूमि में मालाबार-2020 नौसेना युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की भागीदारी देखने को मिलेगी।’’ बयान में कहा गया कि युद्धाभ्यास की योजना समुद्र में बिना संपर्क ढांचे के आधार पर तैयार की गई है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस अभ्यास से इसमें शिरकत करने वाले देशों की नौसेना के बीच समन्वय और मजबूत होगा।’’ हालांकि, चीन वार्षिक मालाबार युद्धाभ्यास के उद्देश्यों को लेकर सशंकित रहता है, वह महसूस करता है कि यह युद्धाभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। 

मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत वर्ष 1992 में अमेरिकी और भारतीय नौसेना के बीच हिंद महासागर में द्विपक्षीय अभ्यास के तौर पर हुई थी। जापान वर्ष 2015 में इस युद्धाभ्यास का स्थायी प्रतिभागी बना। ऑस्ट्रेलिया पिछले कई सालों से इस युद्धाभ्यास में शामिल होने को लेकर रुचि दिखा रहा था। 

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