नई दिल्ली: आज दूसरे बैंकों के ग्राहक पुराने 500 और 1,000 के नोट को नहीं बदलवा सकेंगे। हालांकि सभी बैंक खुले रहेंगे लेकिन वे केवल अपने ग्राहकों को ही बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराएंगे। बैंकों में केवल बुजर्गों को पुराने नोट बदलने की सुविधा दी जाएगी। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बैंक केवल अपने ग्राहकों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराएंगे जो कि नोटबंदी के चलते ठप पड़ी हुई थी।
नोटबंदी के बाद से बदले माहौल में बैंकों पर काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। बैंक के कर्मचारियों के बीमार पड़ने और मौत की भी खबरें आ रही हैं। वहीं लोगों की लंबी कतारों का सिलसिला देशभर में जारी है। इन सबके बीच बैंक पिछले एक हफ्ते से अपने ग्राहकों को सुविधाएं मुहैया नहीं करा पा रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पिछले हफ्ते अचानक बड़े नोटों को बंद करने की घोषणा के बाद बैंकों में नकदी के लिए ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. गौरतलब है कि बाजार में मौजूद पैसे का 86 फीसदी हिस्साग बड़े नोटों का था।
शुक्रवार को सरकार ने इस बात से इनकार किया कि वह पुराने नोटों के बदले नए नोट देने की प्रक्रिया को खत्मर करने पर विचार कर रही है। पहले 4000 तक के पुराने नोट बदलवाने का प्रावधान था जिसेइसी हफ्ते बढ़ाकर 4500 किया गया और फिर गुरुवार को घटाकर 2000 रुपये कर दिया गया।
बैंकों को चुनावों की तरह ही नहीं मिटने वाली स्याटही का इस्ते माल करने के लिए कहा गया ताकि एक व्यइक्ति बार बार कैश ना बदलवा सके।
पीएम मोदी की नोटबंदी की कवायद का मकसद टैक्सर चोरी रोकना, भ्रष्टािचार और फर्जी नोटों पर लगाम लगाना था। उन्होंीने लोगों से तात्का्लिक असुविधा को सहन करने की अपील की थी। पिछले हफ्ते उन्होंलने एक भावुक भाषण में गरीबों का हक लूटने वाले भ्रष्ट लोगों को रोकने की शपथ लेते हुए कहा था, 'मुझे बस 50 दिन दीजिए।'
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