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Hindi News भारत राष्ट्रीय #CAA पर आरपार के मुड में BJP, विपक्ष को पटखनी देने के लिए किया ये फैसला

#CAA पर आरपार के मुड में BJP, विपक्ष को पटखनी देने के लिए किया ये फैसला

भाजपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर विपक्ष और मुख्यतः कांग्रेस द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है और पार्टी विपक्ष की भ्रम और झूठ की राजनीति का जवाब देने के लिये 10 दिनों का एक विशेष अभियान चलायेगी और तीन करोड़ से ज्यादा परिवार से संपर्क करेगी।

Citizenship Amendment Act, CAA, supporter- India TV Hindi Image Source : PTI Citizenship Amendment Act (CAA) supporters hold the national flag during a demonstration at Connaught Place, in New Delhi (File Photo)

नई दिल्ली: भाजपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर विपक्ष और मुख्यतः कांग्रेस द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है और पार्टी विपक्ष की भ्रम और झूठ की राजनीति का जवाब देने के लिये 10 दिनों का एक विशेष अभियान चलायेगी और तीन करोड़ से ज्यादा परिवार से संपर्क करेगी। भाजपा के महासचिव भूपेन्द्र यादव ने कहा, ‘‘नागरिकता संशोधन अधिनियम पर विपक्ष और मुख्यतः कांग्रेस द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है। विपक्ष द्वारा भ्रम और झूठ की राजनीति की जा रही है, उसका हम जवाब देंगे।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2003 में बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की अपील की थी ?’’ भाजपा नेता ने पूछा कि क्या कांग्रेस देश में आगजनी का और उपद्रव का समर्थन करती है? क्या एक प्रमुख विपक्षी दल इस विषय पर भारत के बाहर दूतावास पर प्रदर्शन करता है, क्या वो इस नीति को उचित मानते हैं?: 

यादव ने कहा कि भाजपा का मानना है कि नागरिकता संशोधन कानून के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हुए अनेक लोगों को नयी आशा, विश्वास, सुरक्षा, आस्था, गरिमापूर्ण जीवन देने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी ने तय किया है कि आने वाले 10 दिनों में एक विशेष अभियान चलाकर घर-घर जाकर नागरिकता संशोधन कानून के संदर्भ में तीन करोड़ से ज्यादा परिवार से संपर्क करेंगे।’’ भाजपा महासचिव ने कहा कि इस कानून के पक्ष में हर जिले में रैली और सभा की जाएंगी। 250 से ज्यादा स्थानों पर पार्टी पत्रकार वार्ता करेगी उन्होंने यह भी कहा कि आज देश के 1,101 शिक्षाविदों ने अपने हस्ताक्षर के द्वारा इस कानून का समर्थन किया है। अनेक विश्वविद्यालयों से इस संदर्भ में पत्र प्राप्त हुए हैं।

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