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Hindi News भारत राष्ट्रीय CVC के समक्ष पेश हुए CBI निदेशक आलोक वर्मा, भ्रष्टाचार के आरोप खारिज किए

CVC के समक्ष पेश हुए CBI निदेशक आलोक वर्मा, भ्रष्टाचार के आरोप खारिज किए

अधिकारियों ने बताया कि इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस ए.के.पटनायक भी मौजूद थे।

CBI director Alok Verma appears before CVC | PTI File- India TV Hindi CBI director Alok Verma appears before CVC | PTI File

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के निदेशक आलोक वर्मा जांच एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की ओर से अपने खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की हो रही छानबीन के सिलसिले में शुक्रवार को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC) के.वी.चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति के सामने लगातार दूसरे दिन पेश हुए। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, उन्होंने अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज किया। अधिकारियों ने बताया कि समझा जाता है कि सतर्कता आयुक्त टी.एम. भसीन और शरद कुमार की सदस्यता वाली समिति के समक्ष पेश होकर वर्मा ने अस्थाना की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को बिंदुवार तरीके से खारिज किया।

अधिकारियों ने बताया कि इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस ए.के.पटनायक भी मौजूद थे, क्योंकि शीर्ष अदालत ने उन्हें इस जांच की निगरानी करने का जिम्मा सौंपा है। उन्होंने बताया कि वर्मा शुक्रवार की सुबह CVC दफ्तर पहुंचे और करीब एक घंटे तक वहां रहे। उन्होंने CVC दफ्तर के बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों से बात नहीं की। उच्चतम न्यायालय ने 26 अक्टूबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग से कहा था कि वह अस्थाना की ओर से वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच दो हफ्ते के भीतर पूरी करे। यह समयसीमा आगामी रविवार को पूरी हो रही है और उच्चतम न्यायालय सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगा। वर्मा और अस्थाना को केंद्र सरकार छुट्टी पर भेज चुकी है।

आलोक वर्मा के अलावा राकेश अस्थाना ने भी गुरुवार को CVC से मुलाकात की थी। समझा जाता है कि उन्होंने वर्मा के खिलाफ लगाए गए अपने आरोपों के समर्थन में कथित दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए। आयोग ने हाल में अहम मामलों की छानबीन कर रहे कुछ CBI अधिकारियों से पूछताछ की थी। इन अधिकारियों का नाम वर्मा के खिलाफ अस्थाना की शिकायत में सामने आया था। अधिकारियों ने बताया कि इंस्पेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षक रैंक तक के CBI अधिकारियों को बुलाया गया और CVC के एक वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष उनके बयान दर्ज कराए गए। इनमें वे अधिकारी शामिल थे जो मोइन कुरैशी रिश्वतखोरी केस, पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद की कथित संलिप्तता वाले IRCTC घोटाले और मवेशी तस्करी केस सहित कई अन्य मामलों से जुड़े थे।

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