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Hindi News भारत राष्ट्रीय चमोली हादसा: आपदा के कारण मारे गए श्रमिकों के परिजन को 20-20 लाख रुपए देगी NTPC

चमोली हादसा: आपदा के कारण मारे गए श्रमिकों के परिजन को 20-20 लाख रुपए देगी NTPC

उत्तराखंड के चमोली में आपदा आने के बाद एनटीपीसी के प्रोजेक्ट को भी क्षति हुई। वहीं, एनटीपीसी के कर्मचारी भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए चल रहे अभियान में एनटीपीसी, सीआईएसएफ, यूपीएनएल सहित विभिन्न संस्थाओं के 325 इंजीनियर, अधिकारी और वैज्ञानिक जुटे हुए हैं।

Chamoli disaster: ‘Victims to get Rs 20 lakh compensation’, says NTPC Project Director- India TV Hindi Image Source : PTI उत्तराखंड के चमोली में आपदा आने के बाद एनटीपीसी के प्रोजेक्ट को भी क्षति हुई।

जोशीमठ: उत्तराखंड के चमोली में आपदा आने के बाद एनटीपीसी के प्रोजेक्ट को भी क्षति हुई। वहीं, एनटीपीसी के कर्मचारी भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए चल रहे अभियान में एनटीपीसी, सीआईएसएफ, यूपीएनएल सहित विभिन्न संस्थाओं के 325 इंजीनियर, अधिकारी और वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। इस बीच एनटीपीसी) ने सोमवार को कहा कि वह तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना में कार्यरत उन श्रमिकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए का मुआवजा देगी, जो सात फरवरी को चमोली में आई आपदा में मारे गए हैं। 

एनटीपीसी के स्थानीय प्रवक्ता आर पी जायाड़ा ने यहां पत्रकारों को बताया कि प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को मुआवजे के वितरण की प्रक्रिया तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि श्रमिकों के बारे में जरूरी जानकारी एकत्र करने और प्रशासन से समन्वय स्थापित करने के लिए एक कार्यबल गठित किया गया है। उत्तराखंड की आपदा प्रभावित तपोवन सुरंग से सोमवार को तीन शव और बरामद किए गए। 

पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से फंसे 25-35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सुरंग में सेना सहित विभिन्न एजेंसियों का संयुक्त बचाव और तलाश अभियान चल रहा है। पुलिस ने बताया कि मलबे और गाद से भरी तपोवन सुरंग से अब तक नौ शव निकाले जा चुके हैं। रविवार को सुरंग से छह शव बरामद किए गए थे। 

बचाव अभियान के लिए सभी आवश्यक मशीनरी वर्तमान में उपलब्ध हैं, जबकि किसी भी अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता को युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है। अब तक टनल में मॉकिंग 155 मीटर तक पहुंच गई है, जबकि 300 मिमी व्यास, 12 मीटर गहरे बोर होल को इंटेक में ड्रिल किया गया था।

ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को आई बाढ़ के समय एनटीपीसी की 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की इस सुरंग में लोग कार्य कर रहे थे। बाढ़़ के कारण निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड परियोजना को हुई भारी क्षति के अलावा रैणी में स्थित 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना भी पूरी तरह तबाह हो गई थी।

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