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Hindi News भारत राष्ट्रीय ब्रिटेन के उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन ने कहा, चीन के कुछ कदमों ने दुनियाभर में चुनौतियां पैदा की हैं

ब्रिटेन के उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन ने कहा, चीन के कुछ कदमों ने दुनियाभर में चुनौतियां पैदा की हैं

ब्रिटेन के उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग के दौरान हांगकांग में चीन के विवादित सुरक्षा कानून, गलवान घाटी में झड़प में भारतीय सैनिकों के शहीद होने और शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मुद्दों पर बात की।

UK high commissioner Sir Philip Robert Barton- India TV Hindi Image Source : WIKI UK high commissioner Sir Philip Robert Barton. 

नयी दिल्ली। ब्रिटेन ने गुरुवार को कहा कि चीन के कुछ कदमों ने दुनियाभर में चुनौतियां पैदा की हैं। वहीं, पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के प्रयासों का स्वागत किया। ब्रिटेन के उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग के दौरान हांगकांग में चीन के विवादित सुरक्षा कानून, गलवान घाटी में झड़प में भारतीय सैनिकों के शहीद होने और शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मुद्दों पर बात की। साथ ही उन्होंने चीन के साथ सार्थक भागीदारी की उम्मीद जतायी। 

उन्होंने कहा, 'चीन के कदमों के कारण दुनियाभर में चुनौतियां पैदा हुई हैं। हमारा ध्यान खास तौर पर हांगकांग पर है। भारत के लिए खास तौर पर एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर ध्यान है। ये चिंताजनक चीजें हैं।' बार्टन ने कहा, 'क्षेत्र और दुनिया भर में चीन द्वारा पैदा की गयी चुनौतियों को हमने स्पष्ट तौर पर देखा है। ब्रिटेन चीन के साथ काम करना चाहता है। हमें सकारात्मक और ठोस भागीदारी की अपेक्षा है, लेकिन हमारे लिए चुनौतियां हैं। हांगकांग भी एक चुनौती है।' हांगकांग में नया सुरक्षा कानून थोपे जाने के बाद चीन और ब्रिटेन के रिश्तों में तनाव पैदा हो गया है। ब्रिटेन का कहना है कि 1997 में हांगकांग को चीन को सौंपते समय जो समझौता हुआ था उसका उल्लंघन किया गया है। 

राजदूत ने संकेत दिया कि ब्रिटेन चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका जैसे सहयोगी राष्ट्रों के साथ मिलकर काम करेगा। पूर्वी लद्दाख, हांगकांग और दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रवैये के बारे में सवाल पर बार्टन ने कहा, 'हमारे हितों के खिलाफ देशों की कार्रवाई के सबंध में हम साझा हित वाले लोगों के साथ सहयोग करते हैं।' चीन के साथ भारत के सीमा विवाद पर राजदूत ने उम्मीद जतायी कि दोनों पक्ष वार्ता के जरिए तनाव कम करने का प्रयास करेंगे । बार्टन ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि तनाव कम होगा। जान गंवाने वाले भारतीय जवानों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं।'

उन्होंने कहा, मैं यह कहना चाहूंगा कि तनाव को कम करने को लेकर हमने प्रगति देखी है और पांच जुलाई को सीमा के मुद्दे पर पीछे हटने और तनाव कम करने के लिए दो विशेष प्रतिनिधियों द्वारा जतायी गई प्रतिबद्धता स्वागत योग्य है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद छह जुलाई को भारतीय और चीनी सेनाओं ने अपने-अपने सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की। सीमा वार्ता के लिए डोभाल और वांग विशेष प्रतिनिधि हैं। भारत के साथ संबंधों पर बार्टन ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के व्यापार मंत्री व्यापार और आर्थिक भागीदारी को प्रगाढ़ करने के लिए शुक्रवार को वार्ता करेंगे। 

उन्होंने कहा, 'हम यूरोपीय संघ से बाहर हो चुके हैं। मैं आशावादी हूं कि हम वास्तव में अपने वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत कर सकते हैं।' ब्रिटेन में सिख अलगाववादी समूह 'सिख फॉर जस्टिस' की गतिविधियों को लेकर एक सवाल पर राजदूत ने कहा कि ब्रिटेन विरोध की आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी में विश्वास रखता है लेकिन कानून का उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जाएगी। 

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