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Hindi News भारत राष्ट्रीय कश्मीर में पहली बार इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ मुसलमानों का सम्मेलन, मनोज सिन्हा भी हुए शामिल

कश्मीर में पहली बार इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ मुसलमानों का सम्मेलन, मनोज सिन्हा भी हुए शामिल

जम्मू-कश्मीर में पहली बार इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ मुस्लिम धर्मगुरुओं का सम्मेलन हुआ, जिसमें मौलवियों और मुफ्तियों ने हिस्सा लिया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।

कश्मीर में पहली बार इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ मुसलमानों का सम्मेलन, मनोज सिन्हा भी हुए शामिल- India TV Hindi Image Source : PTI कश्मीर में पहली बार इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ मुसलमानों का सम्मेलन, मनोज सिन्हा भी हुए शामिल

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में पहली बार इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ मुस्लिम धर्मगुरुओं का सम्मेलन हुआ, जिसमें मौलवियों और मुफ्तियों ने हिस्सा लिया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। वह मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए। यह कार्यक्रम श्रीनगर के शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "अगले ढाई-तीन सालों में जम्मू-कश्मीर में एक भी ऐसा गांव नहीं बचेगा जहां सड़क, बिजली, पानी नहीं होगा। जम्मू-कश्मीर के इतिहास में यह कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा। अगर कोई समस्या है तो मिल बैठकर हल निकाल लेंगे। समस्या से मुंह फेरने की जरूरत नहीं, उसका सामना करना है।"

उन्होंने कहा, "अज्ञानता के चलते लोगों ने इस्लाम को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। ऐसे लोगों ने धर्म ही नहीं, पूरी मानवता और दुनिया का नुकसान किया है। आप सबकी कोशिश से, जिनके हाथों में कांटें हैं, उनके हाथों में भी फूल होगा। यहां के एक भी पैसे का उपयोग अपने लिए नहीं करूंगा, जो जिम्मेदारी मिली है उसे निभा रहा।"

मनोज सिन्हा ने कहा, "जम्मू-कश्मीर की पूरी जमीन मुकद्दस और पवित्र है। आतंकी समूहों के प्रयासों के बावजूद हमारे यहां के युवाओं ने सही रास्ता चुना है। रेडिकलिज्म का यहां स्तर अपेक्षाकृत कम है। हालांकि, बॉर्डर के पार से कोशिश करते हैं, लेकिन हमें उन्हें समझना होगा कि जो अपना नहीं संभाल सकते वो हमें क्या करेंगे।"

सिन्हा ने कहा, "बच्चा इंटरनेट पर जो देखता है, उस पर परिवार वाले ध्यान रखें तो ज्यादा अच्छा है। संप्रदाय विशेष से किसी घटना को जोड़ने वाले ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं, समाज को, देश को। बॉर्डर के उस पार से भड़काने का अनवरत प्रयास हो रहा है। ऐसे में परिवार और धर्मगुरुओं की भूमिका जरूरी है।" उन्होंने कहा, "कट्टरता साइलेंट किलर है।"

वहीं, मुस्लिम धर्मगुरू ने कहा, "हमारे हिंदुस्तान की जम्हूरियत पूरी दुनिया में मशहूर है, जहां हर धर्म के लोग रहते हैं। वजू में भी पानी ना बर्बाद करने वाले मजहब में इस्लामी खून बहाने की इजाजत कैसे? जेहाद का मतलब कत्ल और मुल्क का माहौल खराब करना नहीं हो सकता। हर मस्जिद से अमन का संदेश जाना चाहिए।"

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