A
Hindi News भारत राष्ट्रीय संसद में पेश हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक, चर्चा के पक्ष में 293 और विरोध में 82 वोट

संसद में पेश हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक, चर्चा के पक्ष में 293 और विरोध में 82 वोट

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक जरा भी भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है।

Constitution amendment bill tabled in Lok Sabha by Home Minister Amit Shah- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Constitution amendment bill tabled in Lok Sabha by Home Minister Amit Shah

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश हो गया है, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया है। हालांकि अधिकतर विपक्षी दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस बिल के जरिए केंद्र सरकार देश के मुसलमानों पर निशाना साध रही है। नागरिकता संशोधन विधेयक दूसरे देशों से भारत में रह रहे गैर मुस्लिम लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए है। गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक जरा भी भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है।

नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए बिल पेश किया गया है जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। बिल के तहत हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है जबकि मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता नहीं मिलेगी। बिल में 11 साल के बजाय 6 साल भारत गुजारने पर भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान दिया गया है, नागरिकता के लिए बेस ईयर को 1971 से हटाकर 2014 किए जाने का प्रस्ताव है।

बिल का विरोध असम, मेघालय समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में किया जा रहा है और नागरिकता के लिए बेस ईयर 1971 से बढ़ाने का सबसे ज्यादा विरोध है। भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद भी कह रही है कि यह बिल 1985 के असम समझौते के खिलाफ है। असम समझौते में 1971 के बाद आने वाले शरणार्थी अवैध हैं। संशोधित बिल में उत्तर-पूर्व के राज्यों को खास अधिकार दिए जा सकते हैं, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम को बिल से अलग रखा जा सकता है।

संसद में सरकार का संख्याबल देखते हुए लग रहा है कि लोकसभा में सरकार को बिल पास कराने में ज्यादा परेशानी नहीं होगा, लोकसभा में इस बिल के समर्थन में सरकार के साथ 378 सांसद हैं जबकि विरोध में 139 सांसद हैं, इसके अलावा 20 सांसदों को लेकर अभी सस्पेंस है।

हालांकि राज्यसभा में बिल को पास कराने के लिए सरकार को पसीना बहाना पड़ सकता है, राज्यसभा में सरकार के साथ 123 सांसदों का समर्थन है जबकि विरोध में 106 सांसद है, इसके अलावा 11 सांसदों को लेकर सस्पेंस है।

 

Latest India News