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Hindi News भारत राष्ट्रीय Covid-19: सामने आए 1594 नए केस, कुल मामले 30 हजार के करीब

Covid-19: सामने आए 1594 नए केस, कुल मामले 30 हजार के करीब

देश में कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 29 हजार 974 हो गए। इन मामलों में 22 हजार 10 एक्टिव केस हैं. 7027 मरीज ठीक हो चुके हैं और 937 लोगों की मौत हो चुकी है।

<p>Coronavirus cases in India rises</p>- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Coronavirus cases in India rises

नई दिल्ली. पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 1594 नए केस सामने आए हैं और 51 लोगों की मौत हो गई है। नए मरीज सामने आने के बाद देश में कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 29 हजार 974 हो गए। इन मामलों में 22 हजार 10 एक्टिव केस हैं, 7027 मरीज ठीक हो चुके हैं और 937 लोगों की मौत हो चुकी है।

कोविड-19 के इलाज के लिये प्लाज्मा थैरेपी या कोई अन्य थेरेपी स्वीकृत नहीं : स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्लाज्मा थैरेपी से संभावित इलाज के बारे में मंगलवार को स्पष्ट किया कि उपचार की यह पद्धति अभी प्रयोग के दौर में है और ऐसी किसी भी पद्धति को मान्यता नहीं दी गयी है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि परीक्षण के दौर से गुजर रही प्लाजमा थैरेपी के बारे में अभी तक पुष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके आधार पर यह दावा किया जा सके कि इस पद्धति से कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज किया जा सकता है। उन्होंने प्लाज्मा पद्धति से कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज को लेकर किये जा रहे दावों को गलत बताते हुये स्पष्ट किया कि इस तरह की किसी पद्धति को अभी मान्यता नहीं दी गयी है।

उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न अस्पतालों में प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण का उपचार किये जाने के प्रयोग चल रहे हैं। इस पद्धति से इलाज संभव होने के दावों के बीच मंत्रालय ने स्थिति को स्पष्ट करते हुये यह जानकारी दी है। अग्रवाल ने प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के दावों को भ्रामक और गैरकानूनी बताते हुये कहा कि फिलहाल यह पद्धति प्रयोग एवं परीक्षण के दौर में है। उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 के इलाज में इस पद्धति की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन शुरु किया है। इसके तहत ही विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में इस पद्धति का परीक्षण किया जा रहा है।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘आईसीएमआर ने अब तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि कोरोना वायरस के इलाज में प्लाज्मा थैरेपी कारगर साबित हुयी है। अभी यह दावा करने के पर्याप्त प्रमाण नहीं हैं प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी पद्धति से कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करना मरीज के जीवन के लिये घातक साबित हो सकता है। इसलिये आईसीएमआर द्वारा अध्ययन पूरा होने के बाद पुख्ता प्रमाणों के आधार पर इसे इलाज की पद्धति के रूप में मान्यता दिये जाने तक इसे उपचार का विकल्प नहीं माना जा सकता।

With inputs from Bhasha

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