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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma’s Blog: कोविड पर विजय-मोदी के आलोचकों को अब अपनी सोच बदलने की ज़रूरत है

Rajat Sharma’s Blog: कोविड पर विजय-मोदी के आलोचकों को अब अपनी सोच बदलने की ज़रूरत है

भारत की जनता ने लाखों की तादाद में कोविड वैक्सीन लेकर इन टीकों के बारे में तमाम बेबुनियाद अटकलों और अफवाहों पर विराम लगा दिया है। जिस वैक्सीन को लेकर लोगों को डराया गया उसी कोरोना वैक्सीन को लगवाने के लिए हजारों की संख्या में लोग सरकारी और निजी अस्पतालों में पहुंचे।

Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog New IT Rules, Rajat Sharma Blog OTT Platforms- India TV Hindi Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma

भारत की जनता ने लाखों की तादाद में कोविड वैक्सीन लेकर इन टीकों के बारे में तमाम बेबुनियाद अटकलों और अफवाहों पर विराम लगा दिया है। जिस वैक्सीन को लेकर लोगों को डराया गया उसी कोरोना वैक्सीन को लगवाने के लिए हजारों की संख्या में लोग सरकारी और निजी अस्पतालों में पहुंचे। देशव्यापी टीकाकरण अभियान का आगाज़ शानदार तरीके से हुआ है। मंगलवार की शाम तक 60 साल से अधिक आयु वर्ग में 4 लाख से अधिक बुजुर्गों और 45 से 60 आयु वर्ग के 60 हजार से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई। पिछले 36 घंटों में पचास लाख से ज्यादा लोगों ने वैक्सीनेशन के लिए खुद को CoWin पोर्टल पर रजिस्टर करवाया है।

ये इस बात का सबूत है कि स्वदेशी वैक्सीन को लेकर जो अफवाहें फैलाई गईं थीं, जिस तरह से लोगों को डराया गया था, देश के लोगों ने उस अफवाह तंत्र को बुरी तरह हरा दिया। ये इस बात का भी सबूत है कि अगर देश का नेतृत्व मजबूत हो तो बड़ी से बड़ी जंग को जीता जा सकता है।

दुनिया के तमाम बड़े-बड़े लोग भारत में वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर आशंका जता रहे थे। ये दावा किया जा रहा था कि पहले तो भारत में 135 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाना और सभी को वैक्सीन लगाना संभव नहीं है लेकिन सोमवार को जब सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद वैक्सीन लगवाई तो देश भर में  माहौल बदल गया। मोदी के इस कदम से लोगों का भरोसा मजबूत हो गया और लोग घरों से निकले, और खुद-ब-खुद वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचे।

मंगलवार रात मेरे प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में  हमने दिखाया कि कैसे मुंबई, नागपुर, पुणे, पटना, कोलकाता, गुरूग्राम, बैंगलौर, भोपाल और जयपुर जैसे तमाम शहरों में बुजुर्ग बिना किसी डर के, बिना किसी शक के कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए हॉस्पिटल्स पहुंच गए। नागपुर में जबरदस्त गर्मी शुरू हो गई है। टेंपरेचर 39 डिग्री तक पहुंच गया है लेकिन इतनी गर्मी के बावजूद अस्पताल के बाहर कई लोग अपनी बारी का इंतजार करते रहे। मुंबई के नेस्को ग्राउंड के वैक्सीनेश सेंटर में पर भी हजारों की संख्या में लोग इक्ट्ठा हुए। यहां बीएमसी ने कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर बनाया, लोगों के रजिस्ट्रेशन से लेकर उनके वैक्सीनेशन तक सारा प्रोसेस यहीं हो रहा है लेकिन शुरुआती टैकनिकल ग्लिच के बाद, कन्फ्यूजन के बाद,  सिस्टम ने सामान्य रूप से काम करना शुरू किया और लोगों को टीका लगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब खुद टीका लगाया तो उससे दूसरों को यह संदेश गया कि वैक्सीन सुरक्षित है, इसलिए भी कई लोग अचानक वैक्सीनेशन सेंटर्स पहुंचने लगे। लोग ये जानते हैं कि भीड़ बढ़ने से कोरोना का खतरा है। लोग ये भी जानते हैं कि बुजुर्ग लोगों को खतरा सबसे ज्यादा है,  इसके बाद भी लोग बिना रजिस्ट्रेशन के वैक्सीन लगवाने के लिए हॉस्पिटल पहुंच गए। ये चिंता की बात है। हालांकि इस की वजह सिस्टम में कमियां है। असल में सरकार ने लोगों को पूरी जानकारी नहीं दी। सिस्टम को पूरी तरह से चैक नहीं किया, रजिस्ट्रेशन के प्रोसेस आसान नहीं बनाया, इसलिए ज्यादातर लोग सीधे हॉस्पिटल पहुंच गए लेकिन ऐसा भी नहीं था कि हर जगह इसी तरह की भीड़ हुई।

मुंबई में 44 जगहों पर वैक्सीनेशन हो रहा है। ये अच्छी बात है कि वैक्सीनेशन के प्रति लोगों में उत्साह है लेकिन ये भी सही है कि कोरोना के  नये मामलों में महाराष्ट्र में इस वक्त  नंबर वन  है।  आज महाराष्ट्र में कोरोना के 7,863 नए केस आए हैं इनमें से सिर्फ मुबंई में 849 नए मरीज थे, इसलिए मुंबई के लोगों को थोड़े दिन सब्र से काम लेना चाहिए। वैक्सीन के लिए सीधे हॉस्पिटल पहुंचने के बजाए अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए। जो हाल मुंबई का है वही हाल नागपुर का है। नागपुर में पिछले छह दिन में छह हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं। एक हफ्ते से लगातार रोज एक हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। पिछले चौबीस घंटे में नागपुर में कोरोना के 877 नए मामले सामने आए हैं।

बता दूं कि इस वक्त हमारे देश में जो वैक्सीनेशन ड्राइव चल रही है, उतनी बड़ी टीकाकरण मुहिम दुनिया में कभी नहीं हुई। दूसरे फेज में करीब चालीस करोड़ लोगों को वैक्सीनेट किया जाएगा। ये संख्या अमेरिका की कुल आबादी के सवा गुना है। आज देश के लाखों बुजुर्ग जिस उत्साह के साथ वैक्सीन लगवाने निकले, उसे देख कर एक नई उम्मीद बंधी वरना तो हम एक ऐसी मानसिकता में जीने के आदी हो चुके हैं कि लगता है हमारे देश में कुछ भी ठीक से नहीं हो सकता।

जब कोरोना महामारी का प्रकोप शुरू हुआ तो  बहुत से लोगों ने कहा कि हमारे यहां लोग हजारों की तादाद में कीड़े मकोड़ों की तरह मरेंगे। हमारे यहां न डॉक्टर् हैं न हॉस्पिटल न दवा,  कोई बचा नहीं सकता। ऐसी महामारी से लड़ने के लिए हमारी स्वास्थ्य सेवा तैयार नहीं है, पीपीई किट, वैंटीलेटर मास्क, सैनेटाइजर नहीं है लेकिन पिछले एक साल में जो हुआ वो हम सबने देखा। कोरोना से बीमार हुए लोगों को वैटीलेटर भी मिले, हॉस्पिटल भी मिले और आइसोलेशन वार्ड भी। डॉक्टर्स को पीपीई किट मिले, जनता को मास्क मिले, सेनेटाइजर मिले।

जब लॉकडाउन का ऐलान हुआ तो कहा गया कि कोई सुनेगा नहीं, कोई घर में बैठेगा नहीं। हमारे देश में लॉकडाउन हो ही नहीं सकता। आप देख लेना ये फेल हो जाएगा लेकिन लॉकडाउन भी सफल रहा। देश भर मे महामारी फैलने से रुकी।

इसके बाद जब वैक्सीन की बात आई तो पहले कहा गया कि हम तो कोई वैक्सीन बना ही नहीं सकते। जब बना ली तो कहा ये किसी काम की नहीं है, इसका तो ट्रायल ठीक से नहीं हुआ,  दुनिया में इसे कोई मानेगा नहीं। जब दुनिया ने मान्यता दी, WHO ने माना तो निराशावादी कहने लगे कि इतने बड़े देश में वैक्सीन पहुंच ही नहीं सकती लेकिन ये धारणा भी गलत साबित हुई। आज हर जगह कोवैक्सीन उपलब्ध है। वैक्सीन विज्ञानसम्मत है, सुरक्षित है। अब जो लोग भारत की क्षमता को लेकर विलाप करते थे उन्हें एक बार सोचना चाहिए। दुनिया के दूसरे विकसित देशों के मुकाबले हमने कोरोना पर बेहतर तरीके से काबू पाया। वैक्सीन बनाई, अपने लोगों तक पहुंचाई और दुनिया के कई मुल्कों को इसकी सप्लाई की।

आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत ने विकसित देशों की तुलना में कोविड महामारी की चुनौती का बेहतर तरीके से सामना किया। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि अब भारत में महामारी कमोबेश नियंत्रण में है। भारत में सक्रिय कोविड मामले अब 2 प्रतिशत से कम हैं। मृत्यु दर में भी बड़ी गिरावट आई है। ठीक हुए मरीजों का अनुपात नए मामलों की तुलना में अधिक है। केवल दो राज्यों, महाराष्ट्र और केरल में पिछले दो हफ्तों में नए मामलों में वृद्धि हुई। भारत में इस वक्त 1.68 लाख सक्रिय कोविड मामलों में से,  दो राज्यों, महाराष्ट्र और केरल में 1.26 लाख मामले हैं।

कोविड महामारी को नियंत्रित करने में भारत की सफलता ने कई लोगों को एक नई उम्मीद दी है। आज देश के बुजुर्ग जिस उत्साह के साथ, हिम्मत के साथ वैक्सीन लगवाने निकले, वह इस बात की पुष्टि करता है। उनके चेहरों पर आत्मविश्वास साफ झलक रहा था। वे जानते हैं कि भारत ने इस कोविड महामारी से यह जंग लगभग जीत ली है।

लाखों लोग अब वैक्सीन लगवा रहे हैं, ये अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। अब जो लोग भारत की क्षमता को लेकर विलाप करते थे, जिन्हें न जनता पर विश्वास था, न प्रधानमंत्री पर, उन्हें एक बार सोचना चाहिए। दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले हमने कोरोना पर बेहतर तरीके से काबू पाया। जो बात पूरी दुनिया मान रही है, उसे सिर्फ इसलिए न माने कि क्रेडिट मोदी को चला जाएगा ?  इस सोच को बदलने की जरूरत है। जनता की मानसिकता बदल रही है, नेताओं की सोच बदलने की जरूरत है।

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