A
Hindi News भारत राष्ट्रीय दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा, 'सरकार खाना और नौकरी नहीं दे सकती तो भीख मांगना अपराध कैसे ?'

दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा, 'सरकार खाना और नौकरी नहीं दे सकती तो भीख मांगना अपराध कैसे ?'

दिल्ली हाईकोर्ट ने आज कहा कि देश में अगर सरकार भोजन या नौकरियां देने में असमर्थ है तो भीख मांगना एक अपराध कैसे हो सकता है? 

Delhi Highcourt- India TV Hindi Delhi Highcourt

नयी दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आज कहा कि देश में अगर सरकार भोजन या नौकरियां देने में असमर्थ है तो भीख मांगना एक अपराध कैसे हो सकता है? हाईकोर्ट उन दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी जिनमें भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर किये जाने का आग्रह किया गया था। कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरि शंकर की एक पीठ ने कहा कि एक व्यक्ति केवल ‘‘भारी जरूरत’’ के कारण ही भीख मांगता है न कि अपनी पंसद के कारण। 

अदालत ने कहा,‘‘यदि हमें एक करोड़ रुपये की पेशकश की जाती हैं तो आप या हम भी भीख नहीं मांगेंगे। यह भारी जरूरत होती है कि कुछ लोग भोजन के लिए भीख के वास्ते अपना हाथ पसारते है। एक देश में जहां आप (सरकार) भोजन या नौकरियां देने में असमर्थ है तो भीख मांगना एक अपराध कैसे है?’’ 

केन्द्र सरकार ने इससे पूर्व अदालत से कहा था कि यदि गरीबी के कारण ऐसा किया गया है तो भीख मांगना अपराध नहीं होना चाहिए। यह भी कहा था कि भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर नहीं किया जायेगा। हर्ष मेंदार और कर्णिका द्वारा दाखिल जनहित याचिका में भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के अलावा राष्ट्रीय राजधानी में भिखारियों को आधारभूत मानवीय और मौलिक अधिकार देने का आग्रह किया गया था। 

Latest India News