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Hindi News भारत राष्ट्रीय कंगना रनौत के ऑफिस में तोड़फोड़ पर नाराजगी प्रकट की थी? जानें राज्यपाल कोश्यारी का जवाब

कंगना रनौत के ऑफिस में तोड़फोड़ पर नाराजगी प्रकट की थी? जानें राज्यपाल कोश्यारी का जवाब

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शुक्रवार को इस बात से इनकार किया कि उन्होंने यहां अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले में अवैध निर्माण ढहाये जाने के बारे में नाराजगी प्रकट की थी।

Bhagat Singh Koshyari - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari

मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शुक्रवार को इस बात से इनकार किया कि उन्होंने यहां अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले में अवैध निर्माण ढहाये जाने के बारे में नाराजगी प्रकट की थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें मौजूदा शिवसेना नीत सरकार से कोई समस्या नहीं है और उन्होंने शासन में हस्तक्षेप नहीं किया है। राज्यपाल ने कहा, ‘‘मैं उद्धव जी से बात करता रहूंगा।’’

गौरतलब है कि सूत्रों ने कहा था कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रधान सलाहकार अजय मेहता को बुधवार को तलब किया था, जब बंगले का अवैध हिस्सा ढहाया गया था। सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल ने इसे लेकर उन्हें अपनी नाराजगी से अवगत कराया था। यहां शुक्रवार को संवाददाताओं के सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा, ‘‘मैंने कहीं भी कोई नाराजगी प्रकट नहीं की।’’

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने उपनगरीय बांद्रा में कंगना के पाली हिल स्थित बंगले में उसकी (नगर निकाय की) मंजूरी के बिना कथित तौर पर किए गए अवैध निर्माण को बुधवार सुबह ध्वस्त कर दिया था। कोश्यारी ने यह भी कहा कि विधान परिषद में मनोनीत किये जाने वाले सदस्यों की सूची भी उन्हें अब तक नहीं मिली है। राज्य विधानमंडल के उच्च सदन विधान परिषद में राज्यपाल के कोटा के तहत मनोनीत 12 मौजूदा सदस्यों (एमएलसी) का कार्यकाल जून में खत्म हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सिफारिश किये गये नामों की सूची नहीं मिली है।’’

अब तक राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के बारे में बात करते हुए कोश्यारी ने कहा, ‘‘मैंने महाराष्ट्र के हर इलाके का दौरा करने की कोशिश की। 35 जिलों में मैंने 20 की यात्रा की।’’ कोश्यारी ने कहा कि उन्होंने जब पदभार संभाला तब बेमौसम और अत्यधिक बारिश से किसान त्रस्त थे। साथ ही विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राजनीतिक अस्थिरता को लेकर राष्ट्रपति शासन लागू था। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस अवधि के दौरान किसानों को 8,000 रुपये प्रति हेक्टेयर राहत सहायता स्वीकृत की।

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