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Hindi News भारत राष्ट्रीय जम्मू कश्मीर के कटरा में लगे भूकंप के झटके, महाराष्ट्र के पालघर में भी हिली धरती

जम्मू कश्मीर के कटरा में लगे भूकंप के झटके, महाराष्ट्र के पालघर में भी हिली धरती

धरती के भीतर हलचलों के चलते जम्मू कश्मीर के कटरा में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

<p>earthquake in Jammu Kashmir Katra and Maharashtra...- India TV Hindi Image Source : PTI earthquake in Jammu Kashmir Katra and Maharashtra Palghar

धरती के भीतर हलचलों के चलते जम्मू कश्मीर के कटरा में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कटरा में शुक्रवार सुबह 5.11 बजे भूकंप आया। भूकंप की तीव्रता 3.0 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केंद्र कटरा से 89 किमी. पूर्व में था। 

वहीं इससे पहले गुरुवार देर रात महाराष्ट्र के पालघर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां भूकंप की तीव्रता 3.1 रिकार्ड की गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार ये भूकंप के झटके रात 12.26 बजे महसूस किए गए। दोनों ही स्थानों पर फिलहाल किसी प्रकार के जानमान के नुकसान की खबर नहीं है। 

रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध? 
  1. 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
  2. 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
  3. 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
  4. 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
  5. 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
  6. 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
  7. 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
  8. 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
  9. 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
भूकंप आने पर क्‍या करें, क्या न करें
  1. भूकंप आने पर फौरन घर, स्कूल या दफ़्तर से निकलकर खुले मैदान में जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंबों आदि से दूर रहें।
  2. बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
  3. कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं। इससे भूकंप का ज्यादा असर होगा।
  4. भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।
  5. अगर आप बाहर नहीं निकल पाते तो टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके लेग्स कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।
  6. कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
  7. खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चेाट लग सकती है।
  8. गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंबों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।

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