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Hindi News भारत राष्ट्रीय अयोध्या मसले पर इस वक्त बातचीत का औचित्य हर व्यक्ति जानता है: योगी आदित्यनाथ

अयोध्या मसले पर इस वक्त बातचीत का औचित्य हर व्यक्ति जानता है: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि सुप्रीम कोर्ट में आगामी दिसम्बर से इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू होगी, ऐसे में इस प्रकार की बातचीत का औचित्य हर व्यक्ति जानता है।

Yogi Adityanath- India TV Hindi Image Source : PTI Yogi Adityanath

लखनऊ: आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर द्वारा अयोध्या मसले का बातचीत से हल निकालने की कोशिशों के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय में आगामी दिसम्बर से इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू होगी, ऐसे में इस प्रकार की बातचीत का औचित्य हर व्यक्ति जानता है। 

मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में आज अयोध्या पहुंचे रविशंकर की बातचीत की पहल के बारे में कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय अगली पांच दिसम्बर से अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई शुरू करेगा। इससे इस प्रकार की बातचीत का औचित्य क्या हो सकता है, मुझे लगता है कि हर व्यक्ति जानता है।’’ उन्होंने कहा कि अगर बातचीत से समस्या का समाधान सम्भव था तो यह बहुत पहले हो गया होता, फिर भी अगर कोई पहल करता है तो उसमें कोई बुराई नहीं है। बहरहाल, सरकार इसमें कहीं कोई पक्ष नहीं है। 

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने अयोध्या के अपने पहले दौरे के समय ही इस बात को कह दिया था कि अगर दोनों पक्ष इस मामले में किसी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं और सरकार के पास आते हैं तो सरकार अवश्य उस पर विचार कर सकती है, अन्यथा सरकार अपने स्तर पर कोई पहल फिलहाल तो नहीं करने की स्थिति में है, जबकि मामला उच्चतम न्यायालय में है।’’ 

मालूम हो कि अयोध्या विवाद का बातचीत के जरिये हल निकालने की पहल कर रहे श्री श्री रविशंकर ने कल लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात की थी। माना जा रहा था कि दोनों के बीच इस पहल को लेकर भी बात हुई होगी। रविशंकर आज विभिन्न पक्षकारों से बात करने के लिये अयोध्या भी गये थे। आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड समेत विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने रविशंकर के प्रयासों से ज्यादा उम्मीद ना लगाते हुए कहा था कि यह आध्यात्मिक गुरु पहले अपना फार्मूला पेश करें, तभी बात आगे बढ़ सकती है। 

इस पर आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक ने कल कहा था कि उनके पास कोई प्रस्ताव नहीं है। जब कोई प्रस्ताव ही नहीं हुआ तो उसको ठुकराने की बात ही नही है। उन्होंने कहा था कि वह एकता और सौहार्द चाहते हैं, उन्हें उम्मीद है कि वह निराश नहीं होंगे। 

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