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EXCLUSIVE | सीबीआई में घमासान की इनसाइड स्टोरी, मुख्यालय सील करने का आदेश

सरकार ने सीबीआई को लेकर सरकारी आदेश जारी कर आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया और अब तक सीबीआई में ज्वाइंट डायरेक्टर रहे एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बना दिया।

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नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) या सीबीआई के इतिहास में शायद इससे बुरा और अपमानजनक दिन और कोई नहीं आया होगा। सीबीआई की टीम अपने ही दफ्तर पर छापा मार रही है। चंद घंटे पहले तक जो शख्स सीबीआई का डायरेक्टर था, उन आलोक वर्मा के ऑफिस में सीबीआई की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है और जो शख्स सीबीआई का नंबर टू का अफसर और स्पेशल डायरेक्टर था, उन राकेश अस्थाना के ऑफिस में भी तलाशी हो रही है।

सीबीआई के अधिकारी जिस दसवें और ग्यारहवें फ्लोर पर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं वहां कल तक डायरेक्टर रहे आलोक वर्मा, सीबीआई के नंबर टू ऑफिसर राकेश अस्थाना और दो दिन पहले गिरफ्तार हुए डीएसपी देवेंद्र कुमार का भी दफ्तर है। सीबीआई ने अपने मुख्यालय के दसवें और ग्यारहवें फ्लोर को सील कर दिया है।

सीबीआई की ये फजीहत उस रिश्वत कांड के बाद हो रही है जिसकी गाज आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना पर गिरी है। बीती रात सरकार ने सीबीआई को लेकर सरकारी आदेश जारी कर आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया और अब तक सीबीआई में ज्वाइंट डायरेक्टर रहे एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बना दिया।

सीबीआई में रिश्वत कांड!
सीबीआई रिश्वत कांड में हर दिन नए मोड़ आ रहे हैं। पूरे मामले में सीबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना यानी बिग बॉस और बॉस नंबर 2 की लड़ाई तब खुलकर सामने आई।

सीबीआई ने अपने स्पेशल डायरेक्ट राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ एक एफआईआर दर्ज की। इस एफआईआर में अस्थाना पर मीट कारोबारी मोइन क़ुरैशी के मामले में जांच के घेरे में चल रहे एक कारोबारी सतीश सना से दो करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। एफआइआर दर्ज होने के बाद स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने सीबीआई चीफ आलोक वर्मा पर पलटवार करते हुए उन पर ही रिश्वतखोरी का आरोप जड़ दिया।

अस्थाना का आरोप है कि विवादास्पद मांस कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े एक मामले में सीबीआई निदेशक द्वारा कथित तौर पर उनके नेतृत्व में हो रही जांच में हस्तक्षेप किया जा रहा है। अस्थाना इस बारे में भ्रष्टाचार निरोधक निगरानीकर्ता, केंद्रीय सतर्कता आयोग को लगातार लिखते रहे हैं।

वहीं खबड़ों के मुताबिक वर्मा खेमे के माने जाने वाले अधिकारियों को भी हटाया गया है। इसमें डीआईजी सिन्हा और जांच अधिकारी अजय बख्शी का नाम भी बताया जा रहा है। बता दें कि बख्शी पर अस्थाना ने आलोक वर्मा का करीबी होने का आरोप लगाया था। 

इसके साथ ही अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सीबीआई मुख्यालय को सील करने का आदेश दे दिया गया। सुबह जब अधिकारी पहुंचे, तो उन्हें सीबीआई की बिल्डिंग सील मिली। सीबीआई के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि उसका हेडक्वॉर्टर सील कर दिया गया था। सारे अधिकारियों को वापस लौटा दिया गया। जानकारी के मुताबिक यह फैसला इसलिए किया गया ताकि कोई संवेदनशील दस्वावेज न ले जा सके।

इस पूरी कंट्रोवर्सी को निपटाने के लिए सरकार भी सख्त हो गई है। कल ही खबर आई थी कि पीएमओ ने आलोक वर्मा को तलब किया था और रात होते-होते आलोक वर्मा की जगह नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया। आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया है। इसके अलावा एडिशनल डायरेक्टर एके शर्मा को भी छुट्टी पर भेज दिया गया है।

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