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Hindi News भारत राष्ट्रीय EXCLUSIVE: देखिए कैसे NTPC प्लांट में फटा 'बॉयलर बम' और 30 ज़िंदगियों पर 'काल' बनकर गिरा कोयला

EXCLUSIVE: देखिए कैसे NTPC प्लांट में फटा 'बॉयलर बम' और 30 ज़िंदगियों पर 'काल' बनकर गिरा कोयला

बॉयलर में बन रही स्टीम का तापमान 500 डिग्री के आस-पास तक चला जाता है। उसका वायुदाब भी इतना होता है कि उसके संपर्क में आने पर इंसानी शरीर के चीथड़े उड़ जाएं।

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एनटीपीसी के बॉयलर में हुए धमाके में मरने वालों की तादाद तीस हो गई और करीब 65 लोग ज़ख़्मी हैं। उसी हादसे का EXCLUSIVE वीडियो सामने आया हैं। इस वीडियो में एनटीपीसी के अंदर बॉयलर को फटते हुए साफ देखा जा सकता है। बता दें कि ऊंचाहार एनटीपीसी में 500 मेगावॉट की यूनिट नंबर 6 के बॉयलर का स्टीम पाइप फटने से बुधवार को हादसा हुआ था।

बुधवार शाम लगभग 4 बजे हुए इस ब्लास्ट के बाद प्लांट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) ने पूरे परिसर को घेर लिया था। घायलों को इलाज के लिए रायबरेली, इलाहाबाद के साथ लखनऊ भेजा गया। बॉयलर में बन रही स्टीम का तापमान 500 डिग्री के आस-पास तक चला जाता है। उसका वायुदाब भी इतना होता है कि उसके संपर्क में आने पर इंसानी शरीर के चीथड़े उड़ जाएं।

कैसे काम करता है बॉयलर?

  • बॉयलर एक ऐसा यंत्र है जिसमें पानी से भाप बनती है
  • बॉयलर में हीट एनर्जी से इलेक्ट्रिक एनर्जी बनाई जाती है
  • बिजली पैदा करने के लिए जो टर्बाइन घूमती है वो भाप से घूमती है
  • बॉयलर में पानी गर्म होकर भाप बनता है जिससे स्टीम टर्बाइन घूमती है
  • स्टीम टर्बाइन घूमने से एक इलेक्ट्रिक जेनरेटर चल पड़ता है

एक घायल मजदूर ने बताया कि हादसे के वक्त करीब 25 लोग बॉयलर के काफी करीब थे। बॉयलर फटते ही कई लोग वहीं राख के मलबे में दब गए। इनमें से कुछ के शरीर क्षत-विक्षत हो गए। मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में गर्म राख के नाक और मुंह के रास्ते तेज रफ्तार से फेफड़ों तक पहुंच जाने से भी मौत हो सकती है।

एक चश्मदीद ने हादसे की भयावहता को बयां करते हुए कहा कि ऐश पाइप से निकली राख से दस मीटर दूरी पर बॉयलर में मौजूद लोग मर-मर कर गिर रहे थे। चारों ओर धुआं-धुआं था। हवा में सिर्फ और सिर्फ राख ही तैरती दिख रही थी।

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