नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 21 वें दिन भी जारी है। किसान नेताओं ने कहा है कि वे बुधवार को दिल्ली-नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह से रोक देंगे। दरअसल किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसान इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच अबतक की बातचीत में कोई हल नहीं निकल पाया है। हालांकि सरकार की ओर अभी भी यह प्रतिबद्धता जताई गई है कि सरकार किसानों के हित में जरूरी कदम उठा रही है और ये तीनों कृषि कानून भी किसानों के हित में हैं। इन तीनों कानूनों से किसानों का अहित नहीं होनेवाला है लेकिन किसान इन कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। सरकार की तरफ से कुछ संशोधन का प्रस्ताव किसानों को दिया गया लेकिन किसान हैं कि मानने को तैयार नहीं हैं। हालांकि किसानों संगठनों का कुछ धड़ा इस कानून के समर्थन में है।
उधर, किसा प्रदर्शनकारियों के लिए आज अहम दिन है। दिल्ली के बॉर्डर जाम करने से पैदा हुई मुश्किलों के चलते सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं। आज इसी अहम मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट बताएगा कि किसान डटे रहेंगे या उन्हें हटना होगा।
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Live updates : Farmers Protest Live Updates 16 december
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December 16, 2020 1:16 PM (IST) Posted by Niraj Kumar
किसान आंदोलन: सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाने को कहा है, ताकि दोनों आपस में मुद्दे पर चर्चा कर सकें।
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December 16, 2020 1:10 PM (IST) Posted by Niraj Kumar
सुप्रीम कोर्ट में किसानों को दिल्ली बॉर्डर से हटाने संबंधी याचिका पर सुनवाई जारी
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December 16, 2020 11:34 AM (IST) Posted by Niraj Kumar
नोएडा: कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली की तरफ जा रहे नोएडा लिंक रोड को ब्लॉक किया।
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December 16, 2020 10:18 AM (IST) Posted by Niraj Kumar
किसानों ने सरकार के प्रस्ताव का लिखित में जवाब दिया, सरकार को भेजी चिट्ठी में लिखा-' किसान संगठनों ने उसी दिन एक संयुक्त बैठक की और आपकी तरफ से दिए गए प्रस्ताव पर चर्चा की और इसे अस्वीकार कर दिया क्योंकि 5 दिसंबर 2020 को सरकारी प्रतिनिधियों द्वारा मौखिक प्रस्ताव का ही लिखित प्रारूप था। हम अपनी मूल बातें पहले ही विभिन्न दौर की बातचीत में मौखिक तौर पर रख चुके थे, इसीलिए, लिखित जवाब नहीं दिया।'
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December 16, 2020 8:42 AM (IST) Posted by Niraj Kumar
किसान कानूनों के विरोध के लिए यूपी की अलग-अलग जगहों से आए पूर्व सैनिक गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे।